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सत्याग्रह में हजारों ने दी गिरफ्तारी, 5 सितम्बर को दिल्ली में घेरेंगे संसद

देश को कृषि संकट से बाहर निकाल कर कृषि और किसानों को बचाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, साम्प्रदायिक सदभाव की रक्षा और समाजिक न्याय, श्रम कानून में संशोधन रोकने सहित श्रमिकों से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर यह सत्याग्रह किया गया था।

भोपाल। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में देश भर के मजदूरों किसानों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान के तहत गुरुवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित 32 जिलों में मजदूर-किसान व खेत मजदूरों ने जिला मुख्यालयों पर सत्याग्रह कर गिरफ्तारियां दी।

इस आंदोलन का अखिल भारतीय किसान सभा, सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने किया था जिसे बाद में आदिवासी एकता महासभा, दलित शोषण मुक्ति मंच व अन्य दूसरे संगठनों का भी समर्थन मिला।

 देश को कृषि संकट से बाहर निकाल कर कृषि और किसानों को बचाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, देश में रोजगार और आर्थिक संसाधनों की रक्षा करने और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों के साथ ही साम्प्रदायिक सदभाव की रक्षा और समाजिक न्याय, श्रम कानून में संशोधन रोकने सहित श्रमिकों से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर यह सत्याग्रह किया गया था।

किसान सभा के राज्य अध्यक्ष जसविंदर सिंह, महासचिव अशोक तिवारी, सीटू के राज्य अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी, महासचिव प्रमोद प्रधान ने बताया कि प्रदेश की राजधानी सहित इंदौर, नीमच, जबलपुर अनुपपुर, रीवा, सीधी, सीहोर, रतलाम, उमरिया, रायसेन सहित 32 जिलों में हजारों की संख्या में किसान-मजदूर व खेत मजदूरों ने अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारिया दी।  
उन्होंने कहा कि अब केन्द्र सरकार के खिलाफ बड़ा व व्यापक आंदोलन 5 सितम्बर को दिल्ली में संसद घेर कर किया जाएगा। इसमें 10 लाख से अधिक नागरिक हिस्सा लेंगे।

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