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रिकार्डतोड़ बेरोजगारी : मोदी सरकार की दिवालिया नीति का एक और उदाहरण ; सीताराम येचुरी

मोदी सरकार एक के बाद एक जुुमला लेकर आ रही है। जिस वक्त में रोजगार ही उपलब्ध नहीं है उसे समय 10 प्रतिशत आरक्षण का दावा भी ऐसा ही एक जुमला है। 


भोपाल।  सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज भोपाल में अपनी पार्टी के राज्य नेतृत्व की एक बैठक में बोलते हुए कहा कि आर्थिक संकट की चपेट में आया देश अब उससे भी बड़े और सर्वव्यापी संकट में दाखिल हो गया है।
इस बारे में मुद्रा एकांउट घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आजाद भारत का एक और बड़ा विराट आर्थिक घोटाला साबित होने जा रहा है। खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आशंका जताई है कि इस योजना के तहत जिन कथित छोटे कारोबारियों को ऋण दिया गया था वे अब मिल नहीं रहे है, उन्हें दिए गए ऋणों की वसूली अब संभव नहीं दिख रही है। जाहिर है ये सभी सत्ता पार्टी के पोषित लोग है।
मोदी सरकार इस देश की ऐसी पहली सरकार हो गई है जिसने अंतर्राष्ट्रीय और अंर्तदेशीय दोनों तरह के बैंक कर्ज भगोड़ों की वफादार फौज तैयार कर दी है। 

बेरोजगारी की रिकार्ड तोड़ स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की नीतियों के दिवालियेपन का एक और उदाहरण है। खेती किसानी का संकट अब एक सामाजिक संकट बन गया है, जिसे  हल करने के लिए सरकार कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है। जीएसटी और नोटबंदी की अहमकाना नीतियों ने जो धक्का लगाया है उससे देश अभी तक उबर नहीं पाया था अब बैंकों का संकट बची खुची संभावनाओं को भी खतरे में डाल रहा है। 

येचुरी ने कहा कि इन सबसे ध्यान बंटाने के लिए मोदी सरकार एक के बाद एक जुुमला लेकर आ रही है। जिस वक्त में रोजगार ही उपलब्ध नहीं है उसे समय 10 प्रतिशत आरक्षण का दावा भी ऐसा ही एक जुमला है। 
दो दिनी बैठक में शामिल होने आए सीपीएम  महासचिव ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, आगामी लोकसभा चुनाव, आदि विषयों पर भी विस्तार से जानकारी दी। 
उनके साथ पार्टी की पोलिट ब्यूरो की सदस्या, पूर्व सांसद सुभाषिणी अली भी राज्य सचिव मंडल की दोनों दिन की बैठक में उपस्थित हैं।  

राज्य सचिव एवं केंद्रीय समिति सदस्य जसविंदर सिंह ने मध्यप्रदेश की राजनीतिक स्थिति, जनता की बदहाली, गतिविधियों - आन्दोलनों तथा विधानसभा चुनावों की समीक्षा रखी और आगामी कार्यभार प्रस्तावित किये। 

बैठक की अध्यक्षता रामनारायण क़ुररिया कर रहे हैं।  

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