लेखक - देश के जाने माने अर्थशास्त्री है.
इस बार की महामारी कौन सा रास्ता लेगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। वैश्विक महामारियां विचित्र पैटर्नों का प्रदर्शन करती हैं।
Read Moreनवउदारवादी पूंजीवाद के तर्क और गरीबों की माली हालत में सुधार के ऐसे किसी कार्यक्रम के बीच के अंतर्विरोध से बेखबर, गरीबों की हालत में ऐसे सुधार की पैरवी करती हैं, प्रगतिशील ताकतों के लिए उतना ही अच्छा है।
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