रीढ़हीन मीडिया ने जिसे हाथो-हाथ लपका। महामारी न हुई, कोई 'इवेंट' हो गयी।
Read Moreसबसे बड़ी दिक्कत इस समय यही है कि जो हिन्दुत्ववादी भक्त सम्प्रदाय है वो अपढ़ है और उसे ना हिन्दू का अर्थ मालूम है न वह हिन्दू परम्पराओं के बारे में कुछ जानता है।
Read Moreमगर सवाल भी उठाता है कि ‘हम कभी हरिजन हो जाते है, कभी बहुजन हो जाते है बस जन नही बन पाते हैं।’
Read Moreभारतीयता के मायने बदल दिये गये हैं। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ जैसे उदात्त मूल्य को भी नष्ट कर दिया गया है। समाज में भले लोग अन्याय का शिकार हो रहे हैं।
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में। प्रगति-मैदान जाने का भी वह पहला मौका था। वास्तुकार चाल्र्स कोरिया की रचित त्रिकोणीय भवनों और किताबों के जखीरे को देख अभिभूत था
Read More(राजेश जोशी) दो हजार उन्नीस पास आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी में खलबली है। तरह तरह के समाचार छन-छन कर आ रहे हैं। बिना केतली के पानी उबल रहा है। और बिना छलनी के खबरें छन छन कर बाहर आ रही हैं। हालांकि इसमें खुश होने की कोई बात नहीं है। संघ इस तरह भी कई प्रपंच रचता रहता है। वह जिन खबरों को बाहर भेजना चाहता है, बाहर आ जाती हैं...
Read Moreहल्का सा उठंगा और ढीला पाजामा और खादी का कुर्ता पहने, छोटे-छोटे खिचड़ी बालों और सफाचट चेहरे वाला वह बुजुर्ग अमूमन मुस्कुराता दिखता। वह अनुभवी पोपली मुस्कान और पुराने ढब वाले चश्में पीछे से चमकती आंखे, उस शख्स की सादगी और सरलता का पता देती थी।
Read Moreशशि कपूर के आमतौर पर मेन स्ट्रीम सिनेमा का रोमेंटिक हीरो की तरह जाना पहचाना जाता है। इसी व्यावसायिक सिनेमा ने उन्हें ‘रोमांस ऑफ स्क्रीन आयकन’ की तरह परोसा।
Read Moreराजस्थान का कस्बा है-राजसमंद। वहां के एक बाशिंदे की एक वीडियो क्लिप हाल में सोशल-मीडिया पर आई। करीब साढ़े-तीन मिनिट का वह वीडियो रौंगटे खड़े कर देने वाला है। सफेद पेंट, लाल शर्ट पहने, गले में सफेद गमछा डाले एक व्यक्ति सडक़ किनारे अपनी स्कूटर से उतरता है। एक गेती और बोरी उठाते हुए दिखता है। उसके आगे एक और व्यक्ति है।
Read Moreमोदी जनता पार्टी की सरकार आने के बाद कम से कम एक चमत्कार तो हुआ ही है, जिसके प्रभाव में स्वास्थ विभाग के सारे डाक्टर और कर्मचारी बेकार हो जाने वाले हैं।
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