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संपादकीय

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 कोरोना तो बहाना है - तानाशाही लाना है  

  • May 23, 2020

भारत में मजदूर वर्ग के अस्तित्व के अब तक के इतिहास में इतना बड़ा हमला उस पर कभी नहीं हुआ।

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सन्न अवाम और सुन्न हुक्मरान

  • Apr 19, 2020

इस निष्क्रियता का एक अजेंडा है और इस अजेंडे की धुरी है गरीबों के प्रति नफरत और घृणा का संघी सोच।

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अनैतिक, अनिर्वाचित ही नहीं असंवैधानिक भी है शिव-राज  

  • Apr 05, 2020

हर संभव तिकड़म और चालबाजियाँ, विधायकों के अपहरण और आखिर में सुप्रीम कोर्ट से शक्तिपरीक्षण का आदेश लेने के बाद मध्यप्रदेश के नवम्बर 2018 के जनादेश की कपालक्रिया सम्पन्न हो की जा चुकी है।

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अनूपपुर के अंदेशे  

  • Oct 18, 2019

इस खरपतवार का इलाज वही है जो 1 अक्टूबर को अनूपपुर की सडक़ों पर दिखा। असली अवाम को मैदान मे उतरना होगा, मोर्चा खोलना होगा और तब तक लडऩा होगा जब तक कि  अपने हक़ बचा नहीं लिए जाते, अपने अधिकार हासिल नहीं कर लिए जाते।  

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शरम करो और माफी मांगो मनु 

  • Oct 01, 2019

हत्या करने वाले के ‘सपने में भगवान आने और उसे राक्षसों का सर्वनाश करने का आदेश देने’ की ‘स्वीकारोक्ति’ ये भगवान 33 करोड़ में से ये कौन से वाले है? संहार किये जाने वाले राक्षस कौन हैं? खबर यहां से शुरू होती है और ठेठ हम सबके घर के भीतर पहुंचती है।

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सीता की अग्निपरीक्षा ‘स्थल’ पर मंदिर - मनु की बहाली की शातिर चतुराई !!

  • Jul 23, 2019

समूची रामकथा में सीता की अग्निपरीक्षा और शम्बूक की ह्त्या दो ऐसे अप्रिय प्रसंग है जिनके खास निहितार्थ और स्पष्ट सन्देश हैं।

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आखिर और कितने नीचे गिरेंगे?, प्रज्ञा ठाकुर 2019 के लिये भाजपा का असली घोषणापत्र

  • May 03, 2019

आरएसएस-भाजपा अपने आखिऱी और सबसे सांघातिक हथियार, उग्रतम संभव साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण, को खुलकर लेकर मैदान में है।

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मंदसौर और अध्यात्म मोड में कमलनाथ सरकार

  • Mar 04, 2019

मंदसौर गोलीकांड तत्कालीन कारपोरेट चाकर संघ संचालित भाजपा सरकार और उसके द्वारा संरक्षित तथा पाले पोसे गये ट्रिगर हैप्पी पुलिस अफसरों द्वारा, संघ से जुड़े एक स्थानीय अनाज व्यापारी के कहने पर किया गया एक नृशंस हत्याकांड था - बाला बच्चन की क्लीन चिट इस कड़वी सच्चाई को बदल नहीं सकती।

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रतलाम नृशंसता और 'टाइगर जिंदा है (द्वितीय)

  • Jan 31, 2019

कुछ लोगों को रतलाम के एक आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा बीमा के 20 लाख रूपये हड़पने के लिए अपने ही पुराने नौकर की ह्त्या करके खुद को मरा हुआ और मरे हुए को हत्यारा साबित करने की भयानक कथा फि़ल्मी लग सकती है । एक अलग थलग घटना के रूप में इसे देखने पर ऐसा लगना अजीब भी नहीं लगता । मगर जब इसे एक प्रवृत्ति के रूप में देखते हैं तो यह समाज...

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कांग्रेस के चबूतरे पर भाजपा का गोबर

  • Jan 24, 2019

राजकाज की दिशा के बदलने की एक अनिवार्य शर्त होती है; पिछले सत्ता प्रतिष्ठान के औजारों और प्रतीकों का बदला जाना - जो जुल्म और लूट में पिछली सरकार का जरिया रही थी उस नौकरशाही में उल्लेखनीय और दिखने लायक परिवर्तन करना।

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