लेखक - लोकलहर के संपादक है
प्रधानमंत्री ने लॉकडॉउन की तकलीफों के लिए 'माफी' जरूर मांगी, लेकिन अपने प्रशासन को सार्वजनिक रूप से इसका कोई निर्देश तक देने की जरूरत नहीं समझी कि मेहनत-मजदूरी करने वाले गरीबों के साथ अपराधियों जैसा सलूक करना बंद करें।
Read Moreमुद्दा सिर्फ इस संवेदनशील राज्य में शासन को, जहां जनता के बड़े हिस्से का वैसे भी भारत सरकार से गहरा अलगाव हो चुका है, एक निर्वाचित सरकार की वैधता से लंबे समय तक वंचित रखे जाने का ही नहीं है,
Read More© 2017 - ictsoft.in