लेखक - सीपीआई (एम ) के महासचिव, पूर्व सांसद है ।
कम्युनिस्ट पार्टी के सौ बरसों का दौर जबर्दस्त संघर्षों का, आजादी की लड़ाई के दौरान और आगे चलकर आजादी के बाद भी, अनगिनत क्रांतिकारियों की जबर्दस्त कुर्बानियों का और जनता के मुद्दों को राष्ट्रीय एजेंडे पर लाने में उनके उल्लेखनीय योगदानों का दौर है।
Read Moreमोदी ने हर साल 2 करोड़ यानी पांच साल में 10 करोड़ नयी नौकरियों का वादा किया था। लेकिन, हुआ क्या? बेरोजगारी आज, 45 साल के अपने शीर्ष पर पहुंच गयी है।
Read More© 2017 - ictsoft.in