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हिंदू पाकिस्तान

(राजेश जोशी) दो हजार उन्नीस पास आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी में खलबली है। तरह तरह के समाचार छन-छन कर आ रहे हैं। बिना केतली के पानी उबल रहा है। और बिना छलनी के खबरें छन छन कर बाहर आ रही हैं।...


(राजेश जोशी)
दो हजार उन्नीस पास आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी में खलबली है। तरह तरह के समाचार छन-छन कर आ रहे हैं। बिना केतली के पानी उबल रहा है। और बिना छलनी के खबरें छन छन कर बाहर आ रही हैं। हालांकि इसमें खुश होने की कोई बात नहीं है। संघ इस तरह भी कई प्रपंच रचता रहता है। वह जिन खबरों को बाहर भेजना चाहता है, बाहर आ जाती हैं और जिन्हें नहीं चाहता, नहीं आतीं । कहा जा रहा है कि सत्तर साल से ज्यादा के लोगों के टिकिट खतरे में हैं। पचास प्रतिशत टिकिट नौजवानों को दिया जायेगा। याने मुरली मनोहर जोशी जैसे कई दिग्गज तो पाँत से बाहर हो ही जायेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि अब साफ्ट भाजपाईयों को टिकिट नहीं मिलेगा। सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन जैसों का नंबर भी कट सकता है। याने भाजपा में अब साफ्ट लाइन भाजपा और हार्ड लाइन भाजपा की जंग छिड़ चुकी है।

पिछलें दिनों जब एक मुस्लिम पति और हिन्दू पत्नी वाले जोड़े का पासपोर्ट सुषमा जी ने जारी करवा दिया तो विभाग के उन अफसरों की करनी पर पानी फिर गया जो हार्ड लाइन भाजपा की सेवा में लगे हुए थे। शायद पहली बार प्रशासनिक अफसरों के स्तर पर इस तरह के समूह स्पष्ट रूप से नजऱ आ रहे हैं जो खुलकर मोदी जी की राजनीति के लिये काम कर रहे हैं। दिल्ली में उनका नज़ारा काफी उजागर हो गया है। सुषमा जी के काम का नतीजा यह हुआ कि भाजपा के ट्रोलरों की एक फौज़ सुषमा जी को ट्रोल करने में लग गयी। न सरकार कुछ बोली, न पार्टी ही कुछ बोली और हर किसी को नैतिकता का पाट पढ़ाने वाले संघ ने भी अपनी जबान नहीं खोली। ले दे कर गृहमंत्री जी बोले भी तो इतनी नरम जबान से जैसे कह रहे हों कि बस करो भाई बहुत हो गया। सुषमा जी को सबक सिखाने के लिये इतना बहुत है।

सुषमा स्वराज के साथ हुई बदतमीजियों ने इस बात को बहुत स्पष्ट कर दिया है कि अब साफ्ट भाजपाइयों के लिये पार्टी में जगह खत्म हो गयी है। मध्यप्रदेश में बाबूलाल गौर का टिकिट भी काटा जाना है। उस पर भी घमासान मचा हुआ है। भाजपा के युवा यौद्धा शौर्य प्रदर्शन में लगे हैं। और  दृश्य बहुत दिलचस्प होता जा रहा है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की दिक्कत यह है कि वहाँ भाजपा अपनी थोड़ी साफ्ट और बीच बीच में हार्ड होने के स्वांग के कारण ही जीतती रही है। शिवराज और रमन जानते हैं कि इन प्रदेशों में हार्ड भाजपा लाइन को जिताया जाना मुश्किल होगा। हुल्लड़ मचा लेना, छोटे मोटे दंगे फसाद करा देना चल सकता है लेकिन इससे ज्यादा को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। मंदसौर में किसानों पर गोली चालन और उसमें मारे गये छह किसानों के खून के दाग ही अभी तक नहीं धुल पा रहे हैं। अदालतों ने चाहें गोली चालन के लिये सरकार को क्लीन चिट दे दी हो लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही कि मध्यप्रदेश के किसान इतने आक्रामक थे कि उन पर गोली चलाई जाती और छह किसानों को मार दिया जाता। रबर की गालियों का इस्तेमाल हो सकता था। पाँवों में गोली लग सकती थी। बल्कि इससे पहले आँसु गैस और पानी की बौछार का भी इस्तेमाल हो सकता था। इस दाग को छुपाने के लिये बलात्कार की घटना को काफी साम्प्रदायिक रंग से रंगने की कोशिश की जा चुकी है। पर कब तक भाजपा इस तरह चीजों को ढाँप सकेगी?

हर हाल इस जंग में मोदी लाइन का भविष्य क्या होगा यह सामने आ जायेगा।  जनता ही तय करेगी कि इस देश में नफऱत की राजनीति चलेगी या सदभाव की। थरूर की बात चाहे बहुत नागवार गुजरी हो लेकिन उसने गलत क्या कहा, यही तो कहा कि अगर मोदी सरकार की पुनरावृत्ति होती है तो 2019 में भारत हिन्दू पाकिस्तान बन जायेगा। इस वाक्य पर उबलने वाले सोचलें कि वो पाकिस्तान को क्या मानते हैं? उनके सारे भोंपू तो रात दिन पाकिस्तान को कट्टर मुस्लिम देश की ही तरह पेश करने में लगे रहते हैं ।

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