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वाम दलों के साझे सम्मेलन का आह्वान - 10 से 16 अक्टूबर तक देशव्यापी अभियान 

‘अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने का सिलसिला बंद होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि मौजूदा नीतियों की दिशा बदली जाये।

नई दिल्ली। ‘अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने का सिलसिला बंद होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि मौजूदा नीतियों की दिशा बदली जाये।’ यह बात सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचूरी ने वामपंथी दलों के एक साझे सममाइलन को संबोधित करते हुये दिल्ली मे कही। आर्थिक संकट और जनता की बदहाली के खिलाफ आयोजित इस कन्वेन्शन मे सीपीएम के अलावा सीपीआई, सीपीआई (एम एल) लिबरेशन), आरएसपी तथा फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल थे। 

कन्वेन्शन ने 10 से 16 अक्टूबर के सप्ताह के दौरान देशभर में विरोध कार्यवाहियाँ संगठित करने का आह्वान किया है। इस अवधि में बड़ी कार्यवाहियों, जलूसों, प्रदर्शनो के आयोजन किए जाएँगे। येचुरी ने तमाम लोकतांत्रिक संगठनों और व्यक्तियों से इस अभियान में साझेदारी करने का आह्वान भी किया ताकि जनता कि रोजी रोटी पर बढ़ते हमलों के खिलाफ एकता मजबूत की जा सके। 

आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि इसकी मुख्य वजह मोदी सरकार द्वारा अपनाई गई कारपोरेट परस्त नीतियां और देश के विराट बहुमत की आमदनी का सिकुडऩा है। मगर बजाय बुनियाद को दुरूस्त करने के एक तरफ रिजर्व बैंक रिजर्व भंडार में से पौने दो लाख करोड़ रुपए निकाले जा रहे है। दूसरी तरफ कारपोरेट कंपनियों को डेढ़ लाख करोड़ रुपए की सौगात दी जा रही है। 
कन्वेन्शन को सीपीआई महासचिव डी राजा तथा लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य एवं आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक के नेताओं ने भी संबोधित किया। 

अभियान के मुद्दे 

0 रोजगार पैदा करने के लिए सार्वजनिक निवेश को बढ़ाया जाए। जब तक रोजगार नहीं मिलता, केंद्र सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे।
0 सरकार 18,000 प्रति माह न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करे।
0 सरकार को उन कामगारों के लिए जिन्हें नौकरियों से निकाल दिया गया है, गुजारे लायक मासिक मजदूरी सुनिश्चित करनी चाहिए।
0 सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करो। रक्षा और कोयला क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआइ को वापस लो। बीएसएनएल, आयुध कारखानों, भारतीय रेलवे, एयर इंडिया आदि का बड़े पैमाने पर निजीकरण बंद करो।
0 मनरेगा के लिए आवंटन को बढ़ाया जाए ताकि पिछले बकाए का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके और निर्धारित न्यूनतम मजदूरी पर, न्यूनतम 200 दिनों का काम मुहैया कराया जा सके।
0 कृषि संकट को दूर करने के लिए, बढ़ती आत्महत्याओं के मद्देनजर किसानों को कजऱ् से एकमुश्त माफी दी जाए और कृषि उपजों के लिए लागत से कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए और उसे लागू किया जाए।
0 न्यूनतम वृद्धावस्था/विधवा पेंशन को बढ़ाकर 3000 रुपया महीना किया जाए।  


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उपेन्द्र यादव

Journalist at Lokjatan...

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