रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कोरोना प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज और राज्य सरकार द्वारा उठाये गए राहत कदमों के अलावा एक सर्वसमावेशी राहत पैकेज घोषित करने की मांग राज्य सरकार से की है। इस संबंध में किसान सभा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र भी लिखा है और खेती-किसानी और ग्रामीण गरीबों से जुड़े लोगों की 14 समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा।
फसल कटाई, वनोपज संग्रहण, पशुपालन के जरिये दुग्ध व्यवसाय में लगे ग्रामीणों व इन जिंसों की खरीदी-बिक्री के संबंध में..
1. लॉक डाउन के चलते रवि फसल की कटाई में दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि प्रदेश में अधिकांश कटाई शारीरिक श्रम से होती है। इसके लिए प्रदेश में लाखों खेत मजदूरों की जरूरत पड़ती है, अत: खेती-किसानी का काम करने वाले सभी लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा किट जाने चाहिए। ताकि वे सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए कटाई व खेती किसानी के काम में लग सके।
2. वनोपज संग्रहण करने वाले आदिवासियों व अन्य मजदूरों को भी सुरक्षा किट उपलब्ध करवाया जाए तथा इस प्रकोप की समाप्ति के बाद समर्थन मूल्य पर वनोपज सोसायटियों के जरिए इसे खरीदने की घोषणा की जाए।
3. दुधारू पशुओं का दूध दोनों समय निकाला जाता है। लेकिन लॉक डाउन के कारण गरीबों के लिए पूरा दूध बेचना संभव नहीं हो पा रहा है। इसको पंचायत स्तर पर लाभकारी दामों पर सरकार खरीदे।
4. कृषि उपज मंडी तथा खरीदी केंद्र खोले जाने चाहिए। किसानों को यहां तक अपनी फसल लाने के लिए लिमिट और नियंत्रित परिवहन की अनुमति दी जाए, न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित किया जाए।
5. राज्य सरकार की घोषणा से बाहर रह गए सभी ग्रामीण परिवारों को दो-दो माह का राशन बांटा जाए तथा पंचायतों की मदद से नि:शुल्क उनके घरों तक पहुंचाया जाए। 6. लैंगिक भेदभाव किये बिना हर परिवार के जन धन एवं मनरेगा खाते में न्यूनतम 5000 रुपयों की एकमुश्त आर्थिक सहायता स्थानांतरित की जाए।
7.अन्नपूर्णा योजना का विस्तार ग्राम पंचायत तथा नगर निकायों तक किया जाए
8. पूरे प्रदेश में मनरेगा के तहत काम खोले जाए तथा सभी मजदूरों को सुरक्षा किट प्रदान किया जाए, ताकि वे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुरक्षित ढंग से काम कर सकें। इस काम के लिए हर सप्ताह नगद भुगतान करने के निर्देश दिए जाएं। जिन लोगों को काम नहीं मिल रहा उन्हे बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। 9. प्रदेश के जो मजदूर शहरों में फंसे है। इन मजदूरों को सुरक्षित ढंग से वापस उनके गांव पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाएं।
10. प्रदेश में ओलावृष्टि व बारिश ने खेती- किसानी को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसका पूरा आकलन में समय लगेगा तब तक प्रति एकड़ न्यूनतम 10 हजार रुपये राहत राशि का भुगतान किया जाए।
11. कोरोना संकट के चलते फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई फसल बीमा योजना के तहत की जाए तथा इसके दायरे में सभी प्रभावित किसानों को लाया जाए।
बकाया वसूली स्थगित करने के संबंध में
12. किसानों के बकाया एक साल के लिए बिना ब्याज के स्थगित करते हुए बिजली तथा अन्य सभी तरह की बकाया वस्तु वसूली पर स्थगन दिया जाए। महाजनों और सूदखोरों से किसानों द्वारा लिये गए कजऱ् को माफ करने की घोषणा की जाए।
आगामी सीजन की खेती की तैयारी के संबंध में
13. खरीफ सीजन के लिए किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज मुफ्त दिए जाएं तथा सोसायटियों के जरिए किसानों की ऋण की जरूरतों को पूरा किया जाए।
कालाबाजारी रोकने के लिए
14. कृत्रिम मूल्य वृद्धि व कालाबाजारी रोकने के लिए दैनिक उपयोग की अति आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की व्यवस्था की जाए तथा इन वस्तुओं का अधिकतम खुदरा मूल्य घोषित किए जाए।
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