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प्रदीप तिवारी : लाल झण्डा ओढ़ाकर नारों के साथ दी अंतिम विदाई

लोकजतन संपादक मण्डल सदस्य, हम सबके वरिष्ठ साथी और सहयोगी प्रदीप तिवारी नहीं रहे ।

प्रदीप तिवारी


लोकजतन संपादक मण्डल सदस्य, हम सबके वरिष्ठ साथी और सहयोगी प्रदीप तिवारी नहीं रहे । 25 दिसम्बर की दोपहर में जब वे लोकजतन के काम में लगे थे तभी उन्हें हृदयाघात हुआ । आनन फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान आईसीयू में ही करीब 4 बजे उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नहीं जा सका। वे महज 55 वर्ष के थे।

उनके परिवार में उनकी पत्नी संध्या, बेटी त्रेशा, बेटा तनुज, पौत्री मायरा तथा 3 भाई एवं एक बहन सहित भरापूरा परिवार है। ठीक एक माह पहले ही उनके पिता का देहांत हुआ था।
उनका असामयिक निधन एक ऐसा शून्य छोड़कर गया है जिसे भरना मुश्किल है। 


अपने छात्र जीवन से ही कॉमरेड प्रदीप एसएफआई से जुड़ कर जनवादी आंदोलन का हिस्सा बन गए थे । जे सी मिल्स ग्वालियर के मजदूर के रूप में वे सीटू की चमत्कारी युवा टीम में रहे । एक कार्यकर्ता के रूप में भोपाल आये प्रदीप तिवारी पहले सीपीएम के उसके बाद सीटू के प्रदेश कार्यालय सचिव रहे। थोड़े अंतराल के बाद 11 साल से पुन: लोकजतन का हिस्सा बने। अपनी क्षमताओं को खुद विकसित करने वाले प्रदीप देशबन्धु, राज एक्सप्रेस जैसे अखबारों में काम कर चुके थे, इन दिनों प्रमुख न्यूज़ एजेंसी ईएमएस में भी कार्यरत थे।


लोकजतन परिवार अपने इस समर्पित साथी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अमूल्य योगदान को कृतज्ञता से याद करता है। उनकी पत्नी, बेटी, बेटे सहित पूरे परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करता है ।
प्रदीप तिवारी का जाना लोकजतन परिवार के लिए स्तब्धकारी घटना है। 


 दी अंतिम विदाई


भोपाल। लोकजतन संपादक मण्डल के सदस्य प्रदीप तिवारी की पार्थिव देह को ग्वालियर ले जाने से पहले 25 दिसम्बर की देर शाम करीब डेढ़ घंटा लोकजतन के मुख्यालय बीटीआर भवन भोपाल में रखा गया। लोकजतन के पूर्व सम्पादक, सीपीआई(एम) राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उन्हें लाल झण्डा ओढ़ाकर पार्टी की तरफ से श्रद्धांजलि दी।


इस अवसर पर उपस्थित सभी ने फूल अर्पित कर उन्हें अलविदा का सलाम दिया, इनमे उनके परिजनों के अलावा लोकजतन की मुद्रक प्रकाशक संध्या शैली, संपादक बादल सरोज, कार्यकारी संपादक रामप्रकाश त्रिपाठी, प्रबन्धक सुरेन्द्र जैन, लोकजतन परिवार के वीरेंद्र जैन, उपेन्द्र यादव, राजू वर्मा, सीटू अध्यक्ष, महासचिव रामविलास गोस्वामी, प्रमोद प्रधान, किसान सभा महासचिव अशोक तिवारी, उपाध्यक्ष रामनारायण कुररिया, जमस अध्यक्षा नीना शर्मा, सीपीएम राज्य सचिव मण्डल सदस्य अखिलेश यादव, एसएफआई अध्यक्ष कुलदीप पिप्पल, उपाध्यक्ष दीपक पासवान, जलेसं महासचिव मनोज कुलकर्णी, वरिष्ठ साहित्यकार अनवारे इस्लाम, बीजीवीएस की वरिष्ठ नेत्री आशा मिश्रा, डॉ. राहुल शर्मा, प्रमोद मिश्रा, एमपीवीएस के एस आर आज़ाद, वरिष्ठ पत्रकार विनय द्विवेदी,  जमस नेत्री विजया ठाकुर, रजनी सक्सेना, भोपाल गैस पीडि़त संघर्ष सहयोग समिति की संयोजिका साधना कार्णिक प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता आरती पाण्डेय,  जनवादी आंदोलन से जुड़े अनेक प्रमुख व्यक्ति तथा बीटीआर भवन की सबसे बुजुर्ग मुन्नी बाई भी शामिल थीं।


26 दिसंबर की सुबह ग्वालियर में 8 नम्बर लाइन, हजीरे के उनके निवास पर सीपीएम की ग्वालियर जिला समिति के सचिव अखिलेश यादव ने लाल झण्डा ओढ़ाया और लाल सलाम - इंक़लाब जिंदाबाद के नारों के साथ श्मशान ले जाया गया। प्रदीप तिवारी के पुत्र तनुज ने अंतिम क्रिया की। सैकड़ों की संख्या में नागरिकों, ट्रेड यूनियन तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने अंतिम यात्रा में भाग लिया। 

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