लेखक-सी.पी .आई.(एम) पोलिट ब्यूरो सदस्य है
भाजपा सरकार के दुर्भावनापूर्ण रुख का ही नतीजा है कि पुलिस ने राजद्रोह की धारा (भारतीय दंड संहिता की दफा-124ए) का सहारा लिया है। यह वही कानून है जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने हमारे स्वतंत्रता संघर्ष के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए बनाया था।
Read Moreकेंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वïन पर हुई 8 और 9 जनवरी की दो दिन की हड़ताल को, भारत के मजदूर वर्ग के आंदोलन के इतिहास में मील का महत्वपूर्ण पत्थर माना जाएगा।
Read Moreजनमत की अदालत में ही इसका भी उसी तरह से फैसला होगा, जैसे बोफोर्स का फैसला हुआ था।
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