भोपाल। फसल खरीदी से हाथ खींचकर और निजी कंपनी तथा आढ़तियों को लूट की खुली छूट देकर शिवराज सिंह चौहान ने साफ़ कर दिया है कि वे पिछले चुनाव में हराये जाने का बदला लेने के लिए किसानो से अपनी दुश्मनी निकाल रहे हैं। शिवराज की छूट मिलते ही पूरे प्रदेश में कंपनियों और आढ़तियों ने सरसों और गैंहू की उपज को निर्धारित मूल्य से 30 से 40 प्रतिशत कम दरों पर कौड़ियों के मोल फसल खरीदना शुरू कर दिया है। इससे भी कम दाम देने के लिए दबाब बनाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश किसान सभा इस लूट के विरोध में 8 मई, शुक्रवार को मांग दिवस मनाएगी। इस रोज किसान, फिजिकल डिस्टेन्स और कोविद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने अपने घर, गाँव, खेत, पंचायत भवन पर सुबह नौ बजे से सवा नौ बजे तक इकट्ठा होकर - हाथ में पोस्टर्स लेकर मांग दिवस प्रदर्शन करेंगे।
इस मांगदिवस की मांगों में फसल खरीदी में सीधे आढ़तियों और कंपनियों को लूट की छूट का फैसला वापस लेने - सरकारी एजेंसी के जरिये गाँव गाँव जाकर लागत के ड्यौढ़े मूल्य पर खरीद करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने। बैंक, बिजली, सोसायटी सभी बकाया ऋणों की वसूली तत्काल स्थगित कर फसल का पूरा भुगतान करने तथा हर नागरिक के खाते में 7500 रुपये जमा करने की मांग उठाएंगे।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज, मध्यप्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष रामनारायण कुररिया तथा उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने प्रदेश किसानों का आव्हान किया है कि वे आढ़तियों और कंपनियों के मुनाफे के चाकर शिवराज सिंह चौहान को मण्डी एक्ट में किये गए संशोधन, मंडियों के निजीकरण का अपना किसान विरोधी फैसला बदलने के लिए मजबूर करें।
मध्यप्रदेश किसान सभा ने सभी किसान संगठनों, किसान तथा खेत मजदूर भाईयों बहिनो से इस कार्यवाही में शामिल होने का अनुरोध किया है।
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