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सैकडों आवारा पशुओं के साथ किसानों ने जनपद पंचायत जौरा में किया प्रदर्शन

आवारा पशुओं की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सरसों की कटाई की बाद गेहूं को बचाना मुश्किल हो रहा है।


 जौरा। आवारा पशुओं की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सरसों की कटाई की बाद गेहूं को बचाना मुश्किल हो रहा है। किसान परेशान है। प्रशासन ने कई बार किसानों को यह आश्वासन दिया था कि वह आवारा पशुओं की को खेतों से दूर रखने की व्यवस्था करेंगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।  प्रशासन की वादाखिलाफी के विरोध में एक बार फिर किसानों ने जनपद पंचायत जौरा पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया था। इस बार किसान अपने साथ सैंकड़ों की तादाद में आवारा पशुओं को लेकर आए थे जिन्हें जनपद पंचायत कार्यालय के परिषद के अंदर ले आए।


सभा को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मण्डल सदस्य अशोक तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों की हालत पहले से ही खराब है। भावान्तर के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है। किसानों को फसल के वाजिव दाम नहीं मिल पा रहे है।

 

पशुओं के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने से हालत बिगड़ गए है। उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से बार बार इस समस्या के समाधान का आग्रह किया है यदि समय रहते आवारा पशुओं की अन्यंत्र व्यवस्था नहीं होती तो आंदोलन तीखा होगा।

 

माकपा के जिला समिति सदस्य ओमप्रकाश श्रीवास ने आवारा पशुओं की समस्या के तत्काल निराकरण की मांग की। किसान यूनियन के नेता रामसिया कुशवाह भी बोले। प्रदर्शन का नेतृत्व माकपा का नगर सचिव राजीव गुप्ता, सरनाम कर्ण, गोपाल कुशवाह, प्रहलाद कुशवाह, रोशन खां, जमाल खां, महेश प्रजापति, इब्राहिम शाह, राजवीर धाकड़, प्रभदयाल गौड़ आदि ने किया।

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