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बचाव, भोजन, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा व सुनिश्चित आमदनी हेतु कदम उठायें

सीटू का मुख्यमंत्री को ज्ञापन; केरल से सीखें 

भोपाल। सीटू की मध्यप्रदेश राज्य समिति ने लॉकडाउन में आजीविका की रक्षा, जीवन की रोजमर्रा की आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ती के साथ आम लोगों के मनोबल को बनाये रखने हेतु कदम उठाने का आग्रह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किया। उन्हें केरल की वाम जनवादी सरकार  के  इस दिशा में उठाये  गए कदमो से सीखकर उनके आधार पर योजना बनाये जाने की अपील की है।

सीटू प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी तथा महासचिव प्रमोद प्रधान ने केंद्र सरकार के नाकाफी पैकेज को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ करने तथा उसमे से मध्यप्रदेश को समुचित हिस्सा दिलाये जाने की भी मांग की।

सीटू के मत में अमल तथा निगरानी के तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है इसलिए श्रमिक क्षेत्र की साझी त्रिपक्षीय समितियां सक्रिय की जाए, जिला स्तर पर श्रम विभाग एवं उपरोक्त समितियों के साथ समन्वय बनाया जाए।    
सीटू ने मांग की है कि मजदूर कर्मचारियों के

कान खाली कराये जाने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए और उनका मकान किराया सरकार की तरफ से दिया जाए।  बाकी मांगों में उद्योग, दुकानों, संस्थानों के बंद रहने की अवधि का वेतन देने, गुपचुप तरीके से काम कराने वाले मालिकों के खिलाफ कार्यवाही करने,  ठेका श्रमिक, फिक्स टर्म एमप्लाईमेनट, आउट सोर्सिंग के श्रमिकों एवं प्रशिक्षु (अप्रेन्टिस), सेल्स प्रमोशन कर्मी, मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव्स, अस्पताल, स्कूल, सुरक्षा गाड्र्स, निजी क्षेत्र के खनन (कोयला, मेंगनीज, बालू, चूना पत्थर, लोहा अयस्क) आदि सभी का बंदी के दिनों का वेतन सुनिश्चित करने, हर तरह की छंटनी तथा ले-ऑफ रोकने की मांगें शामिल हैं।  काम में लगी आंगनबाड़ी तथा आशा कार्यकर्ताओं को मास्क, हेन्ड ग्लब्स, गाउन, सैनिटाईजर तथा आंगनबाड़ी कर्मियों का वृद्धि सहित पूरा वेतन देने की मांग भी इस ज्ञापन में की गयी है।

सीटू के ज्ञापन में आशा ऊषा सहयोगियों,  मध्यान्ह भोजन कर्मियों, वाहनों की मरम्मत करने वाले मिस्त्रियों, निर्माण, बीडी, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, घर आधारित काम विशेषत: गारमेन्ट्स, मसाले, पापड, आचार, खिलौने में लगे श्रमिकों विशेषत: महिला श्रमिकों , कृषि उपज मंडियों में कार्यारत हम्माल, पल्लेदार, तुलावटियों, व्यावसायिक क्षेत्रों, बाजारों में हम्माल -पल्लेदारों, हाथ ठेले में काम करने वाले हम्मालों, फुटपाथों, बाजारों में हाथ ठेले, रेडी, स्टॉल लगा कर काम करने वाले श्रमिकों को सामान्य स्थिति बहाल होने तक 5-5 हजार रुपये मासिक दर से सहायता राशि प्रदान किया जावे।

ज्ञापन में बंद कारखानों के श्रमिकों को भी उपरोक्त सहायता देकर उनकी ईएसआई सुविधा बहाल करने की मांग की गयी है साथ ही बसों, टैक्सी, आटो, मैजिक जैसे यात्री वाहनों तथा ट्रक व मिनी लोडिंग रेंज के वाहनों, सरकारी योजनाओं में लगे वाहनों पर कार्यरत ड्राईवर कंडक्टर्स को 7500 रुपये व हेल्पर्स को 5000 रुपये मासिक का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया है।

प्रवासी श्रमिकों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में बंद पडे औद्योगिक संस्थानों में शेल्टर होम व बडी बडी कम्युनिटी किचन स्थापित करने और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सुरक्षित व्यवस्था हेतु सीएसआर तथा औद्योगिक घरानों से अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर जोर दिया है। रोजगार गारंटी योजना में काम कर चुके ग्रामीण श्रमिकों के काम का जो भी बकाया हो उसका तुरन्त भुगतान कराया जावे। वर्तमान हालत में इस कानून के बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान के तहत सामान्य स्थिति बनने तक यह भत्ता दिया जावे तथा  प्रदेश में रहने वाले हर परिवार को राशनकार्ड को आधार बनाये बिना   प्रति सदस्य के मान से समुचित खाद्यान्न, दाल, खाने का तेल, कैरोसिन, शक्कर, नमक सहित अन्य जरूरी मसाले, नि:शुल्क प्रदान किये जावे। 

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