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साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है भाजपा-माकपा राज्य समिति ने जताई चिंता

भोपाल । सीपीएम की मध्यप्रदेश राज्य समिति की आज शुरू हुयी बैठक ने प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए दर्ज किया है कि विधानसभा चुनावों में हार के बाद से भाजपा और संघ परिवार लगातार साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। राजगढ़...

भोपाल । सीपीएम की मध्यप्रदेश राज्य समिति की आज शुरू हुयी बैठक ने प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए दर्ज किया है कि विधानसभा चुनावों में हार के बाद से भाजपा और संघ परिवार लगातार साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। राजगढ़ के खुजनेर कस्बे और आसपास के गांवों में भाजपा ने खतरनाक साम्प्रदायिक विभाजन किया है। गणतंत्र दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक आयोजन में प्रस्तुति को लेकर हुए विवाद को भाजपा और संघ परिवार ने साम्प्रदायिक विवाद बना दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने भी दौरा कर सिर्फ एक समुदाय के लोगों से मुलाकात की और विवाद को हवा दी। प्रशासन की ओर से भी एक तरफा कार्यवाही हुई। बहुसंख्यक समुदाय के युवकों पर मारपीट आदि के मुकदमें दर्ज हुए , जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों पर देशद्रोह के भी मुकदमें दर्ज किए हैं। हालांकि अब प्रशासन कह रहा है कि इस संबंध में जांच करने के बाद ही एफआईआर होगी।

राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट रखते हुए माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने इस घटना का खतरनाक पहलू यह बताया कि कस्बे के आसपास के करीब 40 गांवों में बहुसंख्यक समुदाय के लोग पंचनामा बनाकर पुलिस को दे रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति कोई काम करने या सब्जी इत्यादि बेचने के लिए गांव में प्रवेश न करे। गांव के स्तर पर यह विभाजन बेहद खतरनाक है, मगर राज्य सरकार की ओर से भी अपराधी तत्वों के खिलाफ दृढ़तापूर्वक कार्यवाही नहीं हो रही है। 

इसी तरह दो संघ कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर भी शोर मचाया गया था । हालांकि बाद में पता चला वे खुद भाजपा संघ गिरोह की ही करतूतें थीं ।

भोपाल में भी भाजपा और संघ परिवार की ओर से स्लाटर हाउस को लेकर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश हो रही है।

घोषणाये और अमल
राज्य सरकार की कुछ घोषणायें की समीक्षा करते हुए पार्टी ने नोट किया कि मुख्यमंत्री बनने के कुछ घंटे बाद ही कमलनाथ ने किसानों के दो लाख तक के सरकारी और सहकारी बैंकों के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की। पहले इसकी कट ऑफ डेट 31 मार्च 2018 रखी गई थी। बाद में मंत्रीमंडल ने इसे 12 दिसंबर कर दिया है। हालांकि जरूरत यह है कि सिर्फ दो लाख तक के नहीं बल्कि सारे कर्ज से मुक्ति मिलना चाहिए। किसानों पर सबसे अधिक कर्ज महाजनों और सूदखोरों का है।  मुख्यमंत्री ने इसे माफ करने की भी घोषणा की है, मगर इस संबंध में कोई पहल नहीं है।  राज्य सरकार ने ऋणमाफी के आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख पांच फरवरी निर्धारित की है।  पार्टी ने मांग की है कि यह तिथि 28 फरवरी तक बढ़ाई जाये।

ऋणमाफी की प्रक्रिया के दौरान सहकारी समितियों के बड़े घोटाले सामने आये हैं। मुख्यमंत्री ने ही कहा है कि यह घोटाला 3 हजार करोड़ तक का हो सकता है। घोटालों के अगुआ गिरफ्तार किये जाने चाहिए ।  मुख्यमंत्री ने किसानों को एक हजार रुपए पेंशन देने की बात भी कही थी। इसका आदेश भी जारी होना चाहिए । 

नीति का अभाव
सीपीएम ने भावांतर योजना , वंदेमातरम के गायन , मीसाबंदियो की पेंशन आदि पर आनन फानन निर्णय और फिर उन्हें बदलना किसी सुचिंतित नीति का अभाव बताता है ।

अमल तेजी से हो 

बिजली बिलों को लेकर भी 1 फरवरी की कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लिया गया है, जिसमें किसानों के बिल आधे करने और सौ यूनिट तक बिजली सौ रुपए में देने की बात कही गई है। पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश का काफी अच्छा असर हुआ है। 2 अप्रैल के  भारत बंद के बाद दलित युवकों पर लगे मुकदमें वापस लेने की घोषणा हुई है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमे वापस लेने की घोषणा भी सरकार ने की है। हालांकि अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। पशु क्रय विक्रय पर लगी रोक हटाने की पहल नहीं हुई है। आवारा गायों के संकट के संबंध में भी हर गांव में गौशाला बनाने की बात मुख्यमंत्री ने की है। 

नवउदार रास्ता नही

माकपा के अनुसार इन घोषणाओं के साथ ही सरकार का नव उदारीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाने का एजेंडा भी चल रहा है। स्थानीय नगर निकाय मंत्री ने बस अड्डों के आधुनिकीकरण के नाम पर भोपाल सहित प्रदेश के सारे बस अड्डो के निजीकरण की घोषणा की है। घोषणा के अनुसार इनका विकास पीपीपी मोड से किया जायेगा। दूसरी ओर राज्य सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। 5000 करोड़ के अनुपूरक बजट के बावजूद राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन भत्तों के भुगतान के लिए 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। 

पूर्व सरकार की गड़बडियां

कैग की ताजा रिपोर्ट में शिवराज सरकार के जितने भी घपले सामने आये है उनकी जांच की जाए। 

पोलिट ब्यूरो सदस्या सुभाषिणी अली की, उपस्थिति मे जारी बैठक की अध्यक्षता सुश्री संध्या शैली कर रही हैं ।

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