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मजदूर नेता नारायण भारतीय की स्मृति सभा आयोजित

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व सीटू के वरिष्ठ नेता नारायण भारतीय का 11 दिसम्बर को निधन हो गया था। बीते छह माह से वे कैंसर से पीडि़त थे।

इंदौर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व सीटू के वरिष्ठ नेता नारायण भारतीय का 11 दिसम्बर को निधन हो गया  था। बीते छह माह से वे कैंसर से पीडि़त थे। नारायण भारतीय बीते 40 वर्ष तक पार्टी के पूर्ण कालिक सदस्य रहे। वे पार्टी व सीटू के कई महत्वपूर्ण पदो पर रहे तथा विभिन्न सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व किया। इंदौर जिले के मजदूरों को न्यूनतम वेतन, बोनस, मेडिकल सुविधा दिलाने में उनका बड़ा योगदान रहा। उन्होंने असंगठित मजदूर यूनियन, लघु उद्योग, पीडब्ल्यूडी मजदूर, हम्माल, टेक्सटाईल मजदूरो को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई।


इंदौर पार्टी कार्यालय में हुई सभा में सीटू के राज्य महासचिव प्रमोद प्रधान ने नारायण भारतीय के योगदान के पीछे उनकी पत्नी के त्याग एवं बलिदान को रेखांकित करते हुए कहा कि पूर्णकालिक कार्यकर्ता के परिवार को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।


उन्होंने कहा कि कई व्यक्ति कठिनाइयों से घबराकर रास्ता बदल लेते है लेकिन नारायण भारतीय का परिवार जीवन पर्यन्त वामपंथ के साथ जुड़ा रहा। श्री प्रधान ने कहा कि समाज बदलाव के संघर्ष की समझ व समर्पण माक्र्सवादी विचारधारा से मिलती है। चूंकि नारायण भारतीय माक्र्सवादी दर्शन की समझ रखने के साथ साथ क्रांतिकारी बदलाव की अनिवार्यता को समझते थे इसलिए वे जीवन भर संघर्ष की राह पर अडिग रहे।


स्मृति सभा में इंटक के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामसुन्दर यादव, एटक के प्रदेश अध्यक्ष मोहन निमजे, सोहनलाल शिंदे, अनिल कुशवाह(एडवोकेट) पीडब्ल्यूडी यूनियन से रामप्रसाद सांवरियां, कैलास लिम्बोदिया, अरुण चौहान, महेश सूर्यवंशी, रमाकांत, आरसी खान, रुद्रपाल यादव, सीएल सरावत, अजीत केतकर, गौरीशंकर शर्मा ने भी अपने विचार रखे।


नारायण भारतीय की पत्नी श्रीमिति ज्योति ने अपने भावपूर्ण उद्बोधन में कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनका परिवार मजदूरों व वामपंथ के लिए योगदान दे पाया।

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