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किसानों को उकसाने की बजाय बातचीत कर समाधान निकालें सरकार

श्योपुर में 32 गांवों के किसान पटेल चौक पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे वे सिंचाई के लि नहर की मांग कर रहे हैं।

भोपाल। श्योपुर में 32 गांवों के किसान पटेल चौक पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे वे सिंचाई के लि नहर की मांग कर रहे हैं। इस ज्वलंत मुद्दों पर किसानों की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। मगर सरकार की ओर से कोई पहल कदमी नहीं की जा रही है, जबकि सर्द मौसम में पड़ाव पर बैठे सात किसानों की तबीयत भी खराब हो गई है। यह सरकार के किसान विरोधी रवैये को ही बताता है।

इधर नरसिंहपुर जिले में एनटीपीसी प्लांट से बेदखल किये जाने वाले 12 गांवों के किसान निरंतर संघर्ष कर रहे हैं, अब तो ठेका मजदूरों ने भी किसानों और ग्रामीणों के साथ एकजुट हैं। मगर भाजपा की शिवराज सरकार ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा करने की बजाय धारा 144 लगाकर अपने तानाशाही और किसान विरोधी रवैये को ही उजागर किया है।

मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष जसविंदर सिंह, महासचिव अशोक तिवारी ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि मंदसौर के हादसे के बाद भी सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है, इसीलिए संवाद करने की बजाय यह सरकार दमन का रास्ता चुन रही है।


किसान नेताओं के अनुसार सरकार को समझना होगा कि दमन से आंदोलनों में तीव्रता आती है, उसे खत्म नहीं किया जा सकता है।  मध्यप्रदेश किसान सभा ने दोनों ही स्थानों पर संघर्षरत किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए सरकार से उनकी जायज मांगों को तुरुन्त मानने की मांग की है।

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