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स्थायी नौकरी देने से मुकर रही एनटीपीसी

किसानों की जमीन लेकर लगाए गए एनटीपीसी कारखाने के समय किसानों व क्षेत्रीय नागरिकों से किए गए वादो पर अमल न होने से स्थानीय किसान व एनटीपीसी में काम कर रहे मजदूर आंदोलनरत है

गाडरवारा। किसानों की जमीन लेकर लगाए गए एनटीपीसी कारखाने के समय किसानों व क्षेत्रीय नागरिकों से किए गए वादो पर अमल न होने से स्थानीय किसान व एनटीपीसी में काम कर रहे मजदूर आंदोलनरत है। बीते एक पखवाड़े से जारी आंदोलन को मध्यप्रदेश किसान सभा पहले ही एकजुटता व्यक्त कर चुकी है।

किसान मांग रहे स्थायी नौकरी
एनटीपीसी की तरफ से किसानों से चर्चा में कहा गया कि स्थाई नौकरी का कोई प्रावधान नहीं है जबकि किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक स्थायी नौकरी नहीं दी जाती तब तक धरना आंदोलन जारी रहेगा।
 किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनारायण कु ररिया ने कुछ दिन पहले धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी। इसके बाद शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सहसचिव बादल सरोज धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलन कर रहे किसान व मजदूरों को संबोधित करते हुए आंदोलनकारियों को पूरा समर्थन देने की बात कहीं।

पुर्नवास नीति अलग अलग
बादल सरोज ने बताया कि सरगुजा जिले सीपत और जिले नरसिंहपुर जिले की पुर्नवास नीति अलग अलग तरीके से काम कर रही है, सरगुजा में प्रति एकड़ 47 हजार रुपए है लेकिन वहां के किसानों के संघर्ष के बाद 65 से 70 लाख रूपए प्रति एकड़ और किसानों के परिवार के सदस्यों को स्थायी नौकरी दी गई है। एनटीपीसी बिजली कंपनियों ने अभी तक 22 हजार 623 करोड़ कमाए और रिजर्व फंड में 80 हजार 500 करोड़ रुपए है। इस फंड से गांव का विकास होता है। सभा में  रामनारायण कुररिया, एन.एस.पटेल, देवेन्द्र वर्मा, करनसिंह अहिरवार, जगदीश पटेल, गरीबदास, श्रीलाल अहिरवार, शेखलाल खां, यदुराज, कालूराम वर्मा, कमलेश वर्मा, छोटे लाल उमरे, नन्हेलाल वर्मा सहित किसान, मजदूर व स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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