भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने 28 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश किया। बजट मेें सभी वर्गों को धोखा देने की गहरी साजिश रची गई। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा करते है लेकिन बजट में इस प्रकार की किसी राशि का कोई प्रावधान नहीं है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा आध्यापको, संविदा कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारियों को दिए गए आश्वासन पर बजट में चुप्पी साध ली।
माकपा नेता ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है, इसके उलट सरकार ने शिक्षा का निजीकरण और तेजी से करने पर जोर दिया गया।
उनका कहना था कि शिवराज सरकार के बजट में मनुवादी सोच भी हावी रही, बजट में दलित, आदिवासियों के लिए उनकी जनसंख्या के हिसाब से राशि का आवंटन नहीं किया। वहीं दूसरी ओर दलित व आदिवासी सब कमेटी प्लान लगभग खत्म ही कर दिया गया।
इस प्रकार यह बजट जनविरोधी है जिसने प्रदेश की जनता को निराश किया।
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