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महापडाव में लिया संघर्ष तेज करने का संकल्प

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने भोपाल में विधानसभा पर महापड़ाव के बाद नये आंदोलन की घोषणा कर दी है। सरकार की संवेदनहीनता से आक्रोशित कार्यकर्ताओं मार्च के महीने में तीन अलग अलग आंदोलन चलाएगी।

   

  भोपाल। आंगनवाडी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने, तब तक 18000 रुपये न्यूनतम वेतन देने, मध्य प्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार परिषद के निर्णय के आधार पर न्यूनतम वेतन की अधिसूचना तुरन्त जारी करने, सेवा निवृत्ति पर 3000 रुपये पेंशन देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर भोपाल के शाहजहानी पार्क में 7 आंगनवाडी यूनियनों के प्रदेश व्यापी संयुक्त महापडाव के  दूसरे दिन भी आंगनवाडी कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।  28 फरवरी को प्रात: 10.00 बजे यादगार ए शाहजहानी पार्क में सभा प्रदर्शन प्रारम्भ हुई।  महापडाव की अध्यक्षता आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन (सीटू)की प्रदेश अध्यक्ष विद्या खंगार, मानसेवी आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ मध्य प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष पार्वती आर्य, आंगनवाडी प्रकोष्ठ (लघुवेन कर्म.संघ) की प्रदेश अध्यक्ष राजकुमारी ओझा,आदर्श आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष माया बिलाला, शासकीय कर्मचारी परिसंघ (आंगनवाडी प्रकोष्ठ) की साधना भदौरिया, मध्य प्रदेश आंगनवाडी कार्यकर्ता संघ सागर सम्भाग की पार्वती पटेल ने की।

8 से 15 मार्च प्रदेश भर में धरना               

 आंदोलन के दूसरे दिन महापडाव को मुख्य वक्ता अखिल भारतीय आंगनवाडी वर्कर्स एन्ड हेल्पर्स फेडरेशन (सीटू)की राष्ट्रीय अध्यक्ष ऊषा रानी आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन (सीटू) की प्रदेश अध्यक्ष विद्या खंगार, कोषाध्यक्ष हाजरा काजमी, मानसेवी आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ मध्य प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष पार्वती आर्य, अनीता सेठी, आंगनवाडी प्रकोष्ठ (लघुवेन कर्म.संघ) की गंगाबाई मंडलोई, आदर्श आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ की माया भिलाला,शासकीय कर्मचारी परिसंघ(आंगनवाडी प्रकोष्ठ)की शारदा भदौरिया, साधना भदौरिया, मध्य प्रदेश आंगनवाडी कार्यकर्ता संघ सागर सम्भाग की गायत्री पटेल ने सम्बोधित किया। महापडाव में टी किया गया कि 8 से 15 मार्च प्रदेश भर में धरना दिया जाएगा । 

  

4 मार्च को प्रदेश भर में जलायेंगे सरकार का पुतला 

                वक्ताओं ने आरोप लगया कि आंगनवाडी कर्मी शासन के महत्वपूर्ण अंग के रूप में एवं स्थानीय स्तर पर शासन के नुमाईदा के रूप में काम कर रही है। आम जनता से सम्बन्ध में शासन के पास मौजूद सारेी जानकारी व आंकडा आंंगनवाडी कर्मियों के द्वारा मेहनत से जुटाई जाती है, अधिकारी उस पर केवल हस्ताक्षर करते है। काम और योग्यता के आधार पर शासकीय कर्मचारी की वैधानिक पात्रता के बावजूद आंगनवाडी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनने से वंचित कर रही है। सभी वक्ताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार की उपेक्षा को अनुचित एवं आपत्तिजनक बताया। न्यूनतम वेतन तक से वंचित कर सरकार, समूचे आबादी से कुपोषण दूर करने के लिये लड रहे आंगनवाडी कर्मियों के परिवार को कुपोषण की दायरे में ढकेल रही है। पूरे कार्यकाल में आंगनवाडी कर्मियों से भरपूर काम लेने वाली सरकार सेवा निवृत्ति पर आंगनवाडी कर्मियों को पेंशन एवं कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं व लाभ से वंचित कर रही है, इसे बर्दाश्त नही किया जा सकता। इसलिये न्यूनतम वेतन को तत्काल लागू करने व शासकीय कर्मचारी बनाने की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिये आंदोलन को और ताकतवर बनाने की जरूरत है। वक्ताओं ने प्रदेश में आंगनवाडी कर्मियों की सेवा निवृत्ति आयु 65 वर्ष करने, भविष्य निधि, ईएस आई सहित सामाजिक सुरक्षा योजना लागू करने के लिये भी सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया। साथ ही तय किया गया कि यदि सरकार मांगो पर सहमत नहीं होती तो 4 मार्च को प्रदेश भर में जलायेंगे सरकार का पुतला जलाया जाएगा।     

15-16 मार्च को करेंगे 24 घंटे की भूखहडताल

                वक्ताओं ने यह भी आरोप लगया कि देश के लिये काम कर रहे आंगनवाडी कर्मियों सहित सभी कर्मचारिों को जीने लायक वेतन देने के लिये सरकार धन की अभाव का रोना रोती है, जबकि सरकार देश की अरबों खरबों की सम्त्ति को पूंजीपतियों से लुटवा रही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार आंगनवाडी कर्मियों सहित समूचे मेहनतकशवर्ग को सम्मानजनक वेतन से वंचित कर रही है-जो कि सरकार का चरित्र और नीति को दिखाता है। सरकार की गलत नीतियों के चलते मजदूर-किसान व आम जनता त्रस्त है, इन नीतियों को बदले बिना राहत मिलना नामुमकिन है। आज आंगनवाडी कर्मियों ने अपने मजबूत संघर्ष के बल पर तमिलनाडु में कार्यकर्ता को 12,000रूपये. एवं सहायिका को 8000 रूपये ,तेलंगाना में कार्यकर्ता को 10,500 रूपये एवं सहायिका को 7000 रूपये,केरल में कार्यकर्ता को 10,000 रूपये एवं सहायिका को 7000 रुपये मानदेय पा रही है, साथ ही शासकीय कर्मचारी बनाने व तब तक 18,000 रुपये न्यूनतम वेतन के लिये लड रही है। मध्य प्रदेश की आंगनवाडी कर्मियों के लिये भी यही रास्ता है जिसमें अपनी मांगों के लिये शिवराज सरकार के खिलाफ संघर्ष को और व्यापक बनाया जायेगा। इसके लिए सगठनों की ओर से 15-16 मार्च को करेंगे 24 घंटे की भूख हडताल की जायेगी।

                महापडाव के समापन पर आज अपरान्ह 2 बजे आंदोलन स्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी को आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच मध्य प्रदेश की ओर से मुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, संचालक-महिला एवं बाल विकास विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संयुक्त मंच ने यह तय किया है कि शासन की ओर से न्यूनतम वेतन की अधिसूचना जारी करने सहित मांगों को पूरा करने हेतु तत्काल कदम उठाया जावे अन्यथा आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच मध्य प्रदेश द्वारा आगामी 4 मार्च 2018 को प्रदेश भर में सरकार का पुतला जलाया जायेगा, 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से 15 मार्च तक जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे एवं 15-16 मार्च 2018 को 24 घंटे का भूखहडताल प्रदेश भर में किया जावेगाआंगनवाडी कर्मियों के इस ऐतिहासिक महापडाव में प्रदेश की सभी 51 जिलों से 15 हजार से अधिक आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने भागीदारी की।

                                                                                             

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