भोपाल। भगतसिंह और उनके साथियों की शहादत एक समाजवादी भारत के निर्माण के लिए थी, उनका मानना था कि देश में सभी को समान अवसर प्राप्त हो। ऊंच-नीच, भेदभाव का खात्मा हो, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सभी के लिए मुहैया हो। उक्ताशय की बात शहीद भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर नीलम पार्क में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मप्र साहित्य अकादमी के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर व मप्र के पूर्व छात्र नेता रामप्रकाश त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि भगतसिंह ने अछूत समस्या हो या साम्प्रदायिकता सभी का हल बताया है। वे ऐसा देश बनाना चाहते थे जहां सभी खुशहाल हो। उनके पास स्वतंत्र भारत की पूरी रुपरेखा तैयार थी। छात्रों से लेकर युवाओं व मजदूरों से लेकर किसानों तक के लिए उनके पास योजनाए थी। उन्होंने कहा कि भगतसिंह के दो नारे इंकलाब जिंदावाद व साम्राज्यवाद मुर्दावाद काफी असरदार रहे है और आज भी है।
श्री त्रिपाठी ने छात्राओं से भगतसिंह के बताए मार्ग को आत्मसात करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि छात्र युवाओं का सपना बेहतर शिक्षा व रोजगार है। यह एक शक्तिशाली संगठन से ही हासिल किया जा सकता है। इसलिए सभी संगठित हो।
इससे पूर्व अतिथि सहित उपस्थित छात्र-छात्राओं ने शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्ष अनुज त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि दीपक पासवान थे। संचालन सुखसागर विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम में भोपाल सहित मंडीदीप, सीहोर के छात्र-छात्राए भी उपस्थित थे।
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