भोपाल। वन आरक्षकों की भर्ती के लिए धार जिले में आवेदकों के मेडिकल टेस्ट के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित आवेदकों की छाती पर उनकी जाति लिख देना कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि दंडनीय अपराध है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मांग है कि ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें तुरुन्त गिरफ्तार किया जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि वन आरक्षक की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले युवकों का जब मेडिकल टेस्ट हो रहा था तो अनुसूचित जाति से संबंधित युवकों की छाती पर स्कैच पैन से अंग्रेजी में एससी और आदिवासी युवकों की छाती पर एसटी लिख दिया गया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह के अनुसार भाजपा के राज में मनुवादी हरकतों की यह पराकष्ठा है। भाजपा और संघ परिवार अकसर आरक्षण को खत्म करने की मांग करते रहते हैं। आज ही बाबा से राज्यमंत्री बने कम्प्युटर बाबा ने जाति के आधार पर आरक्षण को खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग की है। जन दबाव के कारण जब भाजपा अपने मनुवादी एजेंडे को पूरी तरह लागू नहीं कर पाती है, तो विभिन्न तरीकों से सामंती उत्पीडऩ का शिकार तबकों को अपमानित करती है। यह घटना भी इसी श्रंखला का हिस्सा है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि इस प्रक्रिया को तुरुन्त रोका जाना चाहिये क्योंकि यह भर्ती 30 अप्रेल तक होना है। माकपा ने 28 अप्रेल की घटना के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दलित उत्पीडऩ कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है।
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