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50 से ज्यादा जनसंगठनों ने किया, पोल खोल हल्ला बोल प्रदर्शन

राजधानी में 50 से अधिक जनसंगठनों ने मोदी सरकार के चार वर्षों के कामकाज की खुली समीक्षा की , उसके चुनाव घोषणापत्र और अब तक के कामकाज का तुलनात्मक मूल्यांकन किया तथा बढ़ा चढ़ाकर किये जा रहे दावों की असलियत उजागर की ।


भोपाल ।  राजधानी में 50 से अधिक जनसंगठनों ने मोदी सरकार के चार वर्षों के कामकाज की खुली समीक्षा की , उसके चुनाव घोषणापत्र और अब तक के कामकाज का तुलनात्मक मूल्यांकन किया तथा बढ़ा चढ़ाकर किये जा रहे दावों की असलियत उजागर की । यह आयोजन देश भर में 20 करोड़ सदस्यता का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान, मजदूर, कर्मचारी, महिला, छात्र-युवा, पर्यावरण, लेखक-साहित्यकारों, वैज्ञानिकों आदि के करीब सवा सौ जनसंगठनों के साझे मंच जनएकता जनअधिकार आंदोलन की तरफ से देश भर के राज्यों की राजधानियों में "पोल खोल - हल्ला बोल" के नाम पर किया गया था ।

भोपाल के नीलम पार्क में जमा हुये प्रदर्शनकारियों का साथ देने समाज के अनेक तबकों के लोग जमा हुये । इनमे नर्मदा डूब से प्रभावित नागरिकों से लेकर 2 अप्रैल के भारत बन्द के बाद से प्रताड़ना का शिकार बने दलित नागरिक, मन्दसौर के किसानों से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मोहल्ले बस्तियों की महिलाओं से लेकर कालेज तथा विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी तक शामिल हुये ।

सभी वक्ताओं ने केंद्र सरकार के चार साल के कामकाज को हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल बताया । महंगाई, पेट्रोल डीजल के दामों में बेलगाम वृध्दि, बेरोजगारों की बेशुमार फ़ौज, किसानो की आत्महत्याओं, स्कूलों की बंदी, विश्वविद्यालयों पर हमले, महिलाओं पर बलात्कारों की बाढ़, बिजली बिलों के नाम पर लूट, बैंकों में सरकार के नजदीकियों द्वारा किये जा रहे हजारों करोड़ रुपयों के घपले आदि मुद्दों को उठाते हुये वक्ताओं ने कहा कि इन चार सालों में देश बजाय आगे बढ़ने के काफी पीछे गया है । इस तरह के हालात पैदा किये गए हैं जिनसे व्यापार और वित्तीय संस्थाओं पर विदेशी कॉरपोरेट्स के कब्जे होने से देश के समक्ष स्थायी संकट खड़ा हो जाएगा ।

सभी जनसंगठनों ने इन चार सालों में राष्ट्रीय एकता कमजोर करने के सत्ताशीन भाजपा-आरएसएस की खतरनाक चालबाजियों को भी याद दिलाया और कहा क़ि जिनका आजादी की लड़ाई में रत्ती भर योगदान नहीं रहा वे एक तरफ ट्रम्प के अमरीका के साथ गलबहियां कर रहे हैं वहीँ दूसरी ओर झूठा प्रचार करके, उन्माद भड़का कर भारतवासियों की एकता तोड़ रहे हैं ।

वरिष्ठ कवि, साहित्यकार राजेश जोशी ने मोदी सरकार को भारत में अज्ञान की प्रसारक आफत बताया और कहा कि इस सरकार और इसके अज्ञानी मंत्रियों ने ऐसी कोई संस्था नहीं छोड़ी है जिसे नुक्सान न पहुंचाया हो।

 

सभा में श्रमिक-कर्मचारी संगठनों की ओर से रामविलास गोस्वामी (सीटू), हरिद्वार सिंह (एटक), जे सी बरई (एआईयूटीयूसी), वी के शर्मा (बैंक), प्रकाश शर्मा (बीएसएनएल), पूषण भट्टाचार्य (बीमा), नर्मदा बचाओ आंदोलन देवराम, एआईपीएसएन से आशा मिश्रा, किसान संगठनों की ओर से डॉ. सुनीलम, रामनारायण क़ुररिया (अ भा किसान सभा), प्रभात चौधरी (खेतमजदूर), पहलाद वैरागी (अ भा किसान सभा) , मनीष श्रीवास्तव (एआईकेकेएमएस) ,उमेश तिवारी (टोको-रोको-ठोको क्रांतिकारी मोर्चा), रविनन्दन सिंह, हर्षवर्धन सिंह तिवारी, महिला संगठनो की तरफ से नीना शर्मा (एडवा), सारिका श्रीवास्तव(महिला फेडरेशन), रचना अग्रवाल (एआईएमएसएस), छात्र-युवा संगठनों की ओर से अजय तिवारी (एसएफआई), अमित सोहगौरा (डीवायएफआई), येशु प्रकाश (एआईएसएफ), मुदित भटनागर (एआईडीएसओ), संजय नामदेव (एआईवाईएफ़), लोकेश शर्मा(एआईडीवायओ), मयंक रावत (इंक़लाबी नौजवान सभा), दलित शोषण मुक्ति मंच से जे के पिप्पल तथा मुरैना के दलित उत्पीड़ितों से शारदा जाटव बोली। ज्योतिबा फुले मंच से इंजीनियर महेश कुशवाहा बोले। कोटवार संघ के इंतेश्वर डोंगरे ने भी सम्बोधित किया।

अध्यक्षता प्रमोद प्रधान, संध्या शैली, उमा प्रसाद, अशोक तिवारी, रूप सिंह चौहान, कुलदीप पिप्पल, अनिल दौनेरिया, रवींद्र शुक्ला, हिमांशु श्रीवास्तव, जे सी बरई, मनीष श्रीवास्तव, जॉली सरकार, प्रतिज्ञा मांझी, विनोद लुगारिया, मुदित भटनागर, मोहन निमजे, रामसुफल तिवारी, संजय नामदेव, दुर्गा मौर्या, राहुल वासनिक, विनोद रावत, दौरराम भाई, संजीव राजपूत, प्रभात चौधरी शामिल थे।

जन संगठनो ने आज से देशव्यापी पोल खोल-हल्ला बोल अभियान शुरू किया है जो एनडीए सरकार को सत्ता में हटाने तक जाएगा ।

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