भोपाल। सतना जिले के मैहर में गौहत्या के नाम पर हुई घटना प्रदेश के सदभाव को बिगाडऩे और साम्प्रदायिक धुर्वीकरण करने की साजिश है। पुलिस और प्रशासन इस साजिश में संघ परिवार की मदद कर रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है पुलिस अपराधी हत्यारों को सजा दिलाने की बजाय उन्हें बचाने के रास्ते ढूंढ रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि पुलिस ने न तो कटी हुई गाय बरामद की है, न ही गाय को काटने वाले हथियार जप्त किए हैं। इतना ही नहीं, यदि वे गाय को काट रहे थे तो गाय के मास और खाल को लेजाने के लिए बड़े वाहन की भी जरूरत होगी, क्योंकि इतना भारी मास और खाल दो व्यक्ति खुले में तो नहीं ले जा सकते हैं। पुलिस और प्रशासन के पास इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं है। इसके बाद भी पुलिस ने मृतक रियाज और घायल शकील के खिलाफ गौवंश का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
माकपा ने कहा है कि इस प्रकार के संवेदनशील मामले में कार्यवाही करने से पहले पुलिस प्रशासन को दोनों व्यक्तियों के व्यवसाय और पुराने रिकार्ड के बारे में पड़ताल करना चाहिए थी। किंतु पुलिस भीड़ तंत्र के निर्देशों पर चल रही है। माकपा ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने इस मृतक परिवार और घायल व्यक्ति के लिए कोई मुआवजा घोषित न कर अपने असंवेदनशील और साम्प्रदायिक रुख को ही बेनकाब किया है।
माकपा ने कहा है कि यह घटना प्रदेश के साम्प्रदायिक सदभाव को बिगाडऩे की संघ परिवार की साजिश का हिस्सा है। माकपा मांग करती है कि पीडि़तों पर लगाये गए आधारहीन मुकदमें वापस हों, अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। रियाज के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा व शकील के उचित उपचार के साथ ही 25 लाख रुपए मुआवजा दिया जाये। पुलिस प्रशासन को दोनों परिवारों के परिवार को सुरक्षा भी प्रदान करनी चाहिए।
माकपा ने प्रदेश की धर्मनिरपेक्ष जनता को संघ की साजिशों को नाकाम कर प्रदेश के साम्प्रदायिक सदभाव की रक्षा करने की अपील की है।
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