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"हक़ीक़त और ख़्वाब" की प्रस्तुति, शिक्षा सम्मान प्रदान : पांचवा विनोद रायना स्मृति आयोजन सम्पन्न

विनोद रायना स्मृति के अंतर्गत भोपाल के गांधी भवन में पांचवा आयोजन सम्पन्न हुआ जिसमें दिल्ली के रसचक्र समूह की ओर से विनोद कुमार द्वारा निर्देशित "हक़ीक़त और ख़्वाब" की प्रस्तुति की गई। भारत ज्ञान विज्ञान समिति की सीहोर ज़िला इकाई को प्रथम विनोद रायना स्मृति शिक्षा सम्मान प्रदान किया गया।

राहुल शर्मा

भोपाल। विनोद रायना स्मृति के अंतर्गत भोपाल के गांधी भवन में पांचवा आयोजन सम्पन्न हुआ जिसमें दिल्ली के रसचक्र समूह की ओर से विनोद कुमार द्वारा निर्देशित "हक़ीक़त और ख़्वाब" की प्रस्तुति की गई साथ ही शिक्षा में जन लामबंदी करने व ज़िले में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक अवदान जैसी उल्लेखनीय भूमिका निभाने हेतु भारत ज्ञान विज्ञान समिति की सीहोर ज़िला इकाई को प्रथम विनोद रायना स्मृति शिक्षा सम्मान प्रदान किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्याम बोहरे (प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्त) ने की व श्री राज मणिक्कम (AIPSN के राष्ट्रीय महासचिव), श्री सी रामकृष्णन (भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष), डॉ काशी नाथ चैटर्जी (भा ज्ञा वि स के राष्ट्रीय महासचिव), श्री राकेश दीवान (वरिष्ठ पत्रकार), सुश्री आशा मिश्र (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भा ज्ञा वि स), श्री विनोद कुमार व सुश्री पूर्वा भारद्वाज (रंगकर्मी) अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल रहे।

कार्यक्रम के आरंभ में श्री राज मणिक्कम, श्री सी रामकृष्णन व राकेश दीवान ने भा. ज्ञा. वि. स.-की सीहोर इकाई को पहला विनोद रायना स्मृति शिक्षा सम्मान प्रदान किया गया। जिसमे एक स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व पांच हज़ार रुपयों की राशि सम्मान स्वरूप प्रदान किये गए।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में "हक़ीक़त और ख़्वाब" की पाठात्मक प्रस्तुति दी गयी जो 115 वर्षों पूर्व रुकैया सख़ावत हुसैन की अंग्रेज़ी व बांग्ला भाषा में लिखीं दो किताबों पर आधारित है। इस प्रस्तुति में 115 वर्ष पूर्व की महिलाओं की पारिवारिक व सामाजिक जीवन को बहुत बारीकी से प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में जो तब की स्थिति बयां की गई है उसमें और आज की स्थिति में कोई आमूलचूल परिवर्तन आया हो ऐसा लगता नहीं। इसलिए यह प्रस्तुति आज भी बहुत प्रासंगिक है क्योंकि यह लैंगिक भेदभाव की गहरी जड़ों पर गम्भीर प्रहार करती है।

विनोद कुमार द्वारा निर्देशित लगभग 1 घण्टे की उक्त प्रस्तुति में पूर्वा भारद्वाज, वंदना राग, रश्मि सिन्हा, पूर्णिमा गुप्ता और रिज़वाना फ़ातिमा ने अलग अलग भूमिकाओं को पूरी सशक्तता के साथ मंच पर प्रस्तुत कीं।

शिक्षा सम्मान के प्रशस्ति पत्र को सुश्री नीलांजना वशिष्ठ ने पढ़ा और राकेश दीवान ने विनोद रायना के साथ बिताए अपने दिनों को याद किया। अध्यक्षीय उद्बोधन श्री श्याम बोहरे ने दिया।

 

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