Sidebar Menu

दवा प्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय रैली एवं प्रदर्शन

केंद्र की मौजूदा सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 18000/- रूपए न्यूनतन वेतन तथा महंगाई भत्ते को लागू किया है। यूनियन की माँग है कि सातवें वेतन आयोग की रौशनी में प्रदेश में कार्यरत दवा एवं विक्रय प्रतिनिधियों हेतु न्यूनतम वेतन का निर्धारण रुपये 18000 किया जाना चाहिए।

(शैलेन्द्र शर्मा)

भोपाल। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव यूनियन (एम.पी.एम.एस.आर.यू.) मध्य प्रदेश राज्य में काम करने वाले दवा एवं विक्रय प्रतिनिधियों का एक मात्र प्रतिनिधि संगठन है। मध्य प्रदेश में विभिन्न कम्पनियों में काम करने वाले ये सेल्स प्रमोशन कर्मचारी ( दवा एवं विक्रय प्रतिनिधि) लम्बे समय से न्यूनतम वेतन, 8 घंटे  काम, बेहतर कार्य वातावरण के साथ साथ श्रम कानूनों के प्रावधानों को सख्ती से लागू कराने के लिए संघर्ष करते रहे है।

देश के साथ साथ प्रदेश के सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों के लम्बे संघर्षो से इस उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज़ एक्ट (विक्रय संवर्धन कर्मकार कानून) 1976 को संसद द्वारा पारित किया गया, किन्तु इस कानून को प्रभावी रूप से  लागू करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें गंभीर नहीं हैं।

केंद्र की मौजूदा सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 18000/- रूपए न्यूनतन वेतन तथा महंगाई भत्ते को लागू किया है। यूनियन की माँग है कि सातवें वेतन आयोग की रौशनी में प्रदेश में कार्यरत दवा एवं विक्रय  प्रतिनिधियों हेतु न्यूनतम वेतन का निर्धारण रुपये 18000 किया जाना चाहिए।

यूनियन की यह भी माँग है कि औधोगिक विवाद अधिनियम 1948 के धारा (2)में संशोधन कर विक्रय प्रतिनिधियों के श्रम विवाद को निपटारा करने हेतु इसे सीधे औधोगिक विवाद अधिनियम के दायरे में लाकर विवाद उठाने की इजाजत दी जाये।

यूनियन की मुख्य मांग है कि प्रदेश में दवा एवं विक्रय प्रतिनिधियों के लिये 8 घंटे काम की कार्यवधि की घोषणा सरकार द्वारा की जायें जैसे की पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ समेंत अन्य छ: राज्यों जारी की जा चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा 8 घंटे काम की समय सीमा घोषित होने से, कम्पनियां विक्रय प्रतिनिधियों से 10 से 12 घंटे काम ले रही है तथा उन्हें ओव्हर टाईम का भुगतान भी नही कर रही है।

यूनियन मई दिवस का अवकाश घोषित किये जाने की भी मांग करती रही है ।

एम.पी.एम.एस.आर.यू.के महासचिव शैलेन्द्र शर्मा ने सभा में यूनियन के सदस्यों की मध्य प्रदेश सरकार से सम्बंधित विभिन्न माँगो को रखा और माँगे पूरी नही होने पर आन्दोलन तेज करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा की हम केंद्र एवं राज्य की मौजूदा सरकारों की श्रमिक एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ  संघर्षरत हैं तथा इन सरकारों की नीतियों में जनपक्षीय बदलाव की मांग कर रहें हैं, साथ ही हम केंद्र एवं राज्य सरकार से हमारी इन मांगों पर यथाशीघ्र  सार्थक कदम उठाने की अपील करते हैं।
सभा की अध्यक्षता सुबीर तालुकदार ने की।

इस धरने एवं प्रदर्शन को सीटू प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान, आल इंडिया फेडरेशन एफ एम आर ए आई के कोषाध्यक्ष पार्थो रक्षित ने भी धरने को सम्बोधित किया और वर्तमान परिस्थियों में मजदूर वर्ग को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की  तथा आल इंडिया फेडरेशन के विभिन्न संघर्षों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

धरना प्रदर्शन के बाद यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के श्रम मंत्री के नाम अपनी माँगो से सम्बंधित ज्ञापन सौपा। धरने में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये यूनियन के सदस्यों ने बडी संख्या में भाग लिया।

इससे पहले ऐसा ही एक राज्य स्तरीय प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हुआ ।

Leave a Comment