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10 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़लाल-वामदल

मोदी सरकार ने लोगों पर अप्रत्याशित आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को काफी दिक्कतों हो रही है। इसके साथ लगातार घटते रोजगार से युवाओं में काफी निराशा, देश आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है।

नई दिल्ली। गुरूवार को देश के प्रमुख वामपंथी दलो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (सी) क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी ने केन्द्र की भाजपा मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 सितम्बर 2018 को अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है।

वामपंथी दलो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मोदी सरकार ने लोगों पर अप्रत्याशित आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को काफी दिक्कतों हो रही है। इसके साथ लगातार घटते रोजगार से युवाओं में काफी निराशा, देश आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ भारतीय रुपए के मूल्य में अभूतपूर्व गिरावट यह बताती है कि मोदी सरकार ने देश को गहरे आर्थिक संकट में फंसा दिया है। है। इसके साथ शिक्षा का व्यापारीकरण, महिलाओ, बच्चियों की सुरक्षा के सवाल भी शामिल है।

 वामपंथी दलों का कहना है कि मोदी सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए, कर्जा माफी, फसलों के लाभकारी मूल्य जैसे मुद्दों पर सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। इसके साथ कारपोरेट निगमों द्वारा बैंको से लिए गए ऋण की वापसी भी नहीं हो पा रही है साथ ही कई पूंजीपति बैंक से ऋण लेकर विदेश भाग गए।

मोदी सरकार द्वारा किया गया राफेल लडाकू विमान खरीद घोटाले जैसे विभिन्न सौंदो में इस तरह की क्रोनी पूंजीवाद के लिए सहयोग करना देश के लिए घातक है। एक ओर सरकार आर्थिक रुप से लोगों पर बोझ लाद रही है वहीं दूसरी ओर देश में नफरत, हिंसा का माहौल बनाकर लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है। इसलिए वामपंथी दलों ने जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। और जनता से इसमें बढ़ चढक़र हिस्सेदारी करने की बात कहीं है।

 

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