भोपाल। राजसी आयोजन में एक तरफ करोड़ों रुपए फूंक कर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार तमाशा देखती है दूसरी तरफ एक पुलिस वाले की बेटी के साथ दो-दो थानों के बीचोंबीच सामूहिक दुष्कर्म के बाद 11 घंटे तक उसकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती। इससे अधिक शर्मनाक काला धब्बा और कोई नहीं हो सकता। इतना अनुत्तरदायी नेतृत्व शायद ही कहीं हो। माकपा राज्य सचिव बादल सरोज ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की पूरी व्यवस्था सड़ गल चुकी है। किसी को कभी भी मारा जा सकता है, कहीं भी कुछ भी हो सकता है और कोई उसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। ऐसे दुष्कर्म के बाद भी निलंबित करने के लिए सिर्फ कोई टेकाम ही मिलता है, बाकी किसी भी अफसर-मंत्री के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती। इससे स्पष्ट है कि अपने गंदे कामों (डर्टी डील्स) में नौकरशाहों-पुलिस अधिकारियों की मदद लेते लेते विधायिका का कार्यपालिका पर से पूरा नियंत्रण समाप्त हो चुका है। माकपा ने मांग की है कि सभी आला अफसरों सहित सभी दोषी अफसर निलंबित कर हमेशा के लिए कानून व्यवस्था की जिम्मेदारियों के लिए ब्लैक लिस्ट किये जाएँ। प्रदेश के गृह मंत्री की छुट्टी की जाए।
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