भोपाल। अपने राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में सीपीआई(एम) के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाक़ात की और उन्हें प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री को सौंपे एक विस्तृत ज्ञापन में माकपा ने कर्ज मुक्ति की प्रक्रिया को नौकरशाही चंगुल से मुक्त बनाने सहित कई सुझाव दिये। केरल की तरह कर्ज मुक्ति आयोग के गठन की मांग भी की। श्रमिकों और ट्रेड यूनियनों के साथ नियमित संवाद का सुझाव देते हुए माकपा ने भाजपा राज में भंग कर दी गयी त्रिपक्षीयता बहाली, न्यूनतम वेतन बढ़ाने तथा संविदा और आंगनबाड़ी कर्मियों के बारे में वचनपत्र को लागू करने की भी मांग भी की।
मुरैना सहित चम्बल में 2 अप्रैल को हुए दलित उत्पीड़न को लेकर सीपीएम ने सभी मुकद्दमों की वापसी, गिरफ्तारों की रिहाई, दलितों की ह्त्या करने वालों की गिरफ्तारी तथा 2 अप्रैल की हिंसा में मारे गए व्यक्तियों को मंदसौर की तरह एक एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
भोपाल जेल में तथाकथित फरारी और कथित मुठभेड़ में की गयी हत्याओं पर मानवाधिकार आयोग रिपोर्ट और परिजनों की शिकायतों के आधार पर जांच करने और अपराधियों को सजा दिलाये जाने की मांग भी पार्टी ने उठाई है। विभिन्न मामलों में जेल में ठूंसे गए समुदाय के निर्दोष युवकों को रिहा किये जाने की मांग भी उठाई गयी। महिला सुरक्षा, बिजली बिल, आवासीय पट्टों की मांगों के साथ माकपा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सवाल पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग भी की।
पार्टी ने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की है कि वे भ्रष्टाचारों की जांच के लिए जनआयोग बनाने के वचनपत्र के वाडे को शीघ्र अमल में लाएंगे। व्यापमं, मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटालों विशेष जांचों की मांग भी की।
माकपा ने प्रदेश भर में थोपी गयी धारा 144 को हटाने, सार्वजनिक स्थलों पर लोकतांत्रिक विरोध कार्यवाहियों पर लगा प्रतिबंध समाप्त करने की मांग भी की।
राजकाज, शिक्षा और संस्कृति के संविधानविरोधी साम्प्रदायिकीकरण की दुरुस्ती की मांग करते हुए सीपीएम नेतृत्व ने विश्वविद्यालयों और प्रशासन को साम्प्रदायिक घुसपैठ से मुक्त कराने, जिन पाठ्य पुस्तकों में बदलाव किया गया है उनकी समीक्षा कर दुरुस्त करने, सार्वजनिक स्थलों पर संघ की शाखा और शाखा में कर्मचारियों अधिकारों के जाने पर लगा प्रतिबन्ध बहाल करने, भोपाल के देश की सांस्कृतिक राजधानी के गौरव को पुनः बहाल करने के लिए संस्कृति और साहित्य की संस्थाओं को साम्प्रदायिक प्रदूषण से मुक्त कराने की भी मांग की।
सीताराम येचुरी के अलावा पूर्व सांसद सुभाषिणी अली, सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह, राज्य सचिव मंडल सदस्या संध्या शैली, वरिष्ठ श्रमिक नेता प्रमोद प्रधान, किसान नेता अशोक तिवारी भी प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के कामकाज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी सुझावों का स्वागत किया तथा उन पर समग्रता में विचार कर कार्यवाही का आश्वासन दिया।
© 2017 - ictsoft.in
Leave a Comment