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संभावित हार के डर से भाजपा ने  प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उतारा-येचुरी 

संघ ने अपने आरंभिक काल से ही सेना का हिन्दुकरण और हिन्दुओं का सैन्यकरण को लक्ष्य बना कर काम करना शुरू किया जो इटली में मुसोलिनी द्वारा स्थापित माडल पर आधारित था।

भोपाल। विगत 5 वर्षों में देश में एक तरफ संवैधानिक और जनतांत्रिक मूल्यों का तीव्रतम ह्रास हुआ है जो सभी देशवासियों के सामने एक गहन चुनौती जैसा है वहीं दूसरी तरफ देश में एक तरह से लूट का साम्राज्य बना है और तमाम उद्योगपति और व्यापारी देश के बैंकों को चूना लगा कर इस मोदी राज में देश से बाहर भाग चुके हैं उक्त विचार प्रख्यात वामपंथी विचारक और पूर्व राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने व्यक्त किये। कामरेड येचुरी “संसदीय प्रणाली- चुनाव और जनतंत्र” पर सांस्कृतिक मोर्चा, सीटू, जनवादी महिला समिति, एस एफ आई और भारत के लिए जनमंच भोपाल की ओर से गांधी भवन में संयुक्त रूप से आयोजित परिचर्चा में कही।

कामरेड येचुरी ने कहा कि देश के तमाम हिस्सों में आयोजित हो चुके तीन चरणों में हार का संकेत देख कर भाजपा द्वारा आगामी चार चरणों के लिए भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर को लाकर चुनाव में मुद्दों की दिशा बदलने का प्रयास किया गया है। वे लम्बे समय से इस कोशिश में थे कि लोगों को साम्प्रदायिक तौर पर बाँट कर वोट एकत्रित किये जाएँ। युद्धोन्माद पैदा करते हुए बार बार मोदी जी द्वारा यह दावा किया गया कि हम पृथ्वी और अन्तरिक्ष के चौकीदार है इसलिए लोगों को अब कहना है कि मोदी जी आप जाइए और अन्तरिक्ष की ही चौकीदारी कीजिये।

येचुरी जी ने कहा हम सभी देखते हैं कि आतंकवादी घटनाओं में पिछले पांच सालों मैं बढ़ी हैं इनमें सेना और अन्य सुरक्षा बालों के साथ साथ सिविलियंस की भी काफी मौत हुई है। देश में कश्मीर के साथ साथ और भी हिस्सों में आतंकी हमले हुए जिनमें अभी हाल का माओवादी हमला भी शामिल है। ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि देश सुरक्षित हाथों में है। पाक प्रधानमन्त्री इमरान खान तक ने कहा ने कहा कि हम चाहते हैं कि मोदी पुनः प्रधानमन्त्री बने इसके क्या मायने हैं ?

कुछ दिन पूर्व बालाकोट में आतंकियों के मरने की संख्या को लेकर सत्तापक्ष की ओर से ही कई भ्रम फैलाए गए और दोषी विपक्ष को ठहराया गया । चुनाव की घोषणा होने के साथ ही भाजपाई लोगों ने सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को देखते हुए साम्प्रदायिक मुद्दों को हवा देना शुरू कर दिया। हम देखते हैं कि अब भाजपा द्वारा धर्म के आधार पर नागरिकता देने की बात की जाने लगी है जिसका असंतोष उत्तरपूर्व झेल रहा है। साम्प्रदायिक वातावरण को उभार देने के लिए ही यहाँ प्रज्ञा सिंह को लाया गया जो बीमारी का कारण बता कर ज़मानत पर है जबकि उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम हो चुके हैं। उन्होंने शहीद हेमंत करकरे पर मूर्खतापूर्ण आरोप लगाये गए जिसका आई. पी. एस. एसोसिएशन तक ने राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिख कर विरोध किया है।

येचुरी ने कहा कि यह कहना अनुचित है कि हिन्दू कोई हिंसा नहीं कर सकता जबकि हमारे महाकाव्यों से लेकर इतिहास तक में ढेरों उदाहरण हैं जो यह बताते हैं कि हिन्दू शासकों को भी हिंसा से कोई परहेज़ न रहा है। लेकिन ऐसा कह कर यह सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है कि जो दुसरे धर्म के लोग हैं वे हिंसक हैं।

संघ ने अपने आरंभिक काल से ही सेना का हिन्दुकरण और हिन्दुओं का सैन्यकरण को लक्ष्य बना कर काम करना शुरू किया जो इटली में मुसोलिनी द्वारा स्थापित माडल पर आधारित था। आज उसी सोच की परिणिति प्रज्ञा ठाकुर और असीमानंद जैसे लोग हैं। येचुरी ने बताया कि एक धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र का गणराज्य ही इसका विकल्प एकमात्र रणनैतिक ढांचा है। राजनैतिक आज़ादी को आम लोगों की आर्थिक आज़ादी और आर्थिक समानता में बदलना आवश्यक होगा। हिन्दूराष्ट्र और इस्लामिक स्टेट दोनों ही अतिवादी सोच हैं जिनकी भारत को ज़रूरत नहीं। गांधी जी की सोच थी कि हिन्दू का“ह” और मुसलमान का ‘म’ को मिल कर ही हम बनता है जो इस देश को मज़बूत बनाने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भोपाल में यह टकराब दिग्विजय जी और प्रज्ञा ठाकुर का नहीं बल्कि विचारधाराओं का है। हमारा उद्देश्य मोदी सरकार को हराना है और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने वाली सरकार एक वैकल्पिक सरकार और एक वैकल्पिक प्रधानमन्त्री को लाना है।

परिचर्चा में भोपाल से कांग्रेस के प्रत्याशी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी उपस्थित थे और उन्होंने भी परिचर्चा को संबोधित किया।

परिचर्चा की अध्यक्षता अर्थशास्त्री डॉ. एच एस यादव ने की।

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