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राहत कार्यो का विस्तार हो, राजनीतिकरण नहीं - माकपा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग की है कि कोरोना वायरस की महामारी से प्रदेश में पैदा हुई स्थिति से निबटने और राहत कार्यों को व्यापक और सुचारू रूप से चलाये जाने की आवश्यकता है।...

भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग की है कि कोरोना वायरस की महामारी से प्रदेश में पैदा हुई स्थिति से निबटने और राहत कार्यों को व्यापक और सुचारू रूप से चलाये जाने की आवश्यकता है। राहतों कार्यों का राजनीतिकरण उसके असली मकसद को प्रभावित करता है।

माकपा ने कहा है कि वे शुरू से ही मांग करती रही है कि इस स्थिति से राजनीति से ऊपर उठ कर सामूहिक प्रयासों से ही हराया जा सकता है। इसीलिए पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन कर वार्ड स्तर पर वालंटियर जुटा कर राहत कार्यों को जरूरतमंदो तक पहुंचाने की मांग की थी। जब भाजपा कार्यकर्ताओं के जरिए नेताओं की तस्वीरों वाले पैकेट का वितरण हो रहा है तो फिर प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र और प्रभावित लोग नहीं बल्कि अपने प्रभाव वाला क्षेत्र और लोग हो जाते हैं। मध्यप्रदेश में दुर्भाग्य से यही हो रहा है। बैंगलूरू से लौटे नए भाजपाईयों के विधान सभा क्षेत्रों में तो इसे भाजपा के चुनाव अभियान की तरह चलाया जा रहा है। धामनौद की दूधी पंचायत में सुंदर लाल की भूख से मृत्यु इसी वजह से हुई है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मांग की है कि केरल की तर्ज पर गरीबों और निम्रमध्यम परिवारों को मुफ्त 35 किलो और अन्य परिवारों को 15 किलो अनाज देने की मांग के साथ ही पंजीकृत श्रमिकों, निर्माण मजदूरों, मनरेगा श्रमिकों, आटो रिक्षा, रिक्षा, टेंपों चालकों, बीड़ी श्रमिकों, घरेलू कामगार महिला श्रमिकों को पांच पांच हजार रुपए राहत देने की मांग की है। विधवा, वृद्वा, बेसहारा और विकलांग पेंशन के पात्रों को भी पांच पांच हजार राहत दी जानी चाहिये।

माकपा ने कहा है कि लाँकडाउन के कारण एक ओर बेमौसम बरसात से किसानो की फसल के नुकसान का सर्वे नहीं हो रहा है। दूसरा फसल कटाई भी प्रभावित हो रही है। माकपा के अनुसार सब्जी, फल , फूल और दूध उत्पादक किसानों को लाँकडाउन से सबसे अधिक नुकसान हुआ है, मगर इनके लिए सरकार ने कोई भी राहत पैकेज नहीं दिया है।

जसविंदर सिंह ने सरकार अस्पतालों में सुविधाओं की कमी और प्राईवेट नर्सिंग होम्स के गैरजिम्मेदार रवैये की निंदा करते हुए कहा है कि कोरोना को हराने के लिए अधिक से अधिक जांच होनी चाहिए।

माकपा ने फिर से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए पार्टी इकाईयों को अपने स्तर पर राहत कार्य चलाने और जनता रसोई के जरिए गरीबों तक खाना पहुंचाने का आव्हान किया है।

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