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संध्या शैली

लेखिका अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति मध्यप्रदेश की उपाध्यक्ष है.

कोरोना से जूझती महिलायें  

  • May 25, 2020

इस पूरे घटनाक्रम की एक सिल्वर लाइनिंग है जिसकी नायिकायें भी महिला प्रशासक ही हैं। जिन्होंने राह दिखाई है इस महामारी से जूझते हांफते देशों को इस त्रासदी से बाहर आने की।

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महिला अधिकारों की लड़ाई के महानायक थे बाबा साहब   

  • Apr 19, 2020

बाबासाहेब देश  के सामाजिक ताने बाने को समझने वाले और उत्पीडि़तों की मुक्ति के लिये संघर्ष करने वाले सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे थे। तभी भारत की जनता ने यदि गांधी को महात्मा कहा तो अंबेडकर को महामानव।

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महिला अधिकारों की लड़ाई के महानायक थे बाबा साहब

  • Apr 14, 2020

हिंदुस्तान की आज़ादी के आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक डाॅ बाबासाहेब अम्बेडकर की बडी विषेषता को पीछे कर उन्हे केवल दलितों के नेता के तौर पर स्थापित करना वर्तमान सामाजिक राजनैतिक व्यवस्था की एक बड़ी साजिश थी। बाबासाहेब की राजनैतिक और सामाजिक यात्रा की तुलना केवल महात्मा गांधी से की जा सकती है जिन्होने राजनैतिक प्रश्नो के साथ साथ सामाजिक प्रश्नो को भी अपने लेखों, भाषणों, पुस्तकों में किया। भगतसिंह जरूर अपनी...

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एक आपदा;  दो निजाम-दो नजरिये 

  • Apr 07, 2020

इस वायरस ने एक बात फिर से साबित कर दी है कि असली संघर्ष इंन्सान का प्रकृति से ही है जो मित्रतापूर्ण संघर्ष होगा।

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अमोली और उसकी सहेलियों का चुनाव घोषणापत्र 

  • May 03, 2019

अमोली बहुत धनी है। उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है। लेकिन उसकी समझ में नहीं आता कि जब वह माँ से गांव में आये आइसक्रीम वाले से कुल्फी की जिद करती है तो माँ यह क्यों कहती कि नहीं आज नहीं। बाबू को मजदूरी नहीं मिली।

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जंग हो : सेठों के मुनाफे के लिए नहीं, जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 

  • Mar 04, 2019

ऐसे देश में युद्ध के नाम पर उन्माद पैदा करके युवाओं से यह कहलाना कि स्वास्थ्य नहीं युद्ध चाहिये क्या अपराध नहीं है?

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अजब देश : गजब लोग

  • Jan 24, 2019

दोनों युवाओं को टेलीविजन पर इतना अश्लील और अभद्र बोलने की हिम्मत किसने दी। बिकने वाले को ही दिखाने का सिद्धांत पालने वाले इस मीडिया ने ही इस तरह के कार्यक्रमों और उनमें पूछे जाने वाले सवालों को ईजाद किया है।

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