लेखक लोकजतन के संपादक एवं अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं.
"इस समारोह को ऐसे लोगों की भागीदारी के साथ किया जा रहा है जिन्हे हम ठीक नहीं मानते
Read Moreअगर भारत के मजदूर आन्दोलन के एक असंबध्द छात्र के रूप में भी देखें तो साफ़ दिखाई देता है कि सीटू - सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स - भारत की ट्रेड यूनियनों का केंद्र - आंदोलन, संगठन और मकसद के जुड़ाव का एक कॉपी बुक डेमोंस्ट्रेशन है - शास्त्रीय प्रमाण है - एक ऐसी मिसाल है जिसके आधार पर मजदूर आंदोलन कैसे संगठित किया जाना चाहिए इसकी पाठ्य पुस्तक लिखी जा सकती है।
Read Moreएक कहावत है कि गिद्द को सपने में भी लाशों के ढेर नजर आते हैं। भेडियों की बारात गाँव बसाकर नहीं लौटती।
Read Moreरास्ता सचमुच बहुत आसान है। रास्ता है बीमारी की जड़ को हटाकर एक ऐसी सामाजिक प्रणाली लाना जिसमे मुनाफ़ा ही ईश्वर न हो। जिसमे विकास और प्रगति प्रकृति और उसकी सबसे अनमोल कृति मनुष्य को रौंदना, कुचलना, लूटना और धनसंपदा इकट्ठा करना न माना जाए। कुछ समय पहले बोले थे फुकोयामा कि अब पृथ्वी और जीवन को सिर्फ समाजवाद ही बचा सकता है।
Read Moreमौजूदा समय विडम्बना का समय है। बिना किसी अतिशयोक्ति के कहा जाए तो ; देश और समाज एक ऐसे वर्तमान से गुजर रहा है जिसमे प्राचीन और ताजे इतिहास में , अंग्रेजो की गुलामी से आजादी के लिए लड़ते लड़ते जो भी सकारात्मक उपलब्धि हासिल की गयी थी वह दांव पर है। समाज को धकेल कर उसे मध्ययुग में पहुंचाने पर आमादा अन्धकार के पुजारी पूरे उरूज़ पर हैं - संविधान...
Read Moreइतिहास के साथ एक सुविधा है, इसे आराम से देखा जा सकता है। दुविधा यह है कि दीवार पर लटकी तस्वीरों को बदलकर इसे बदला नहीं जा सकता। इतिहास हमेशा मैक्रो रूप में होता है एक सूर्य के दीप्तिमान पिंड पुंज की तरह। इसे नैनो या माइक्रो करके नहीं देखा जा सकता। किरण या प्रकाश के आभासीय रेशे में तोड़कर या किसी व्यक्ति या दल से जोड़कर नहीं समझा जाता। यह प्रवृत्ति और...
Read Moreकोरोना को लेकर देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से लाखो लोगो के भूखे मरने की नौबत आ गई है। भोपाल एवं प्रदेश में खाने-पीने की चीजो की कमी एवं प्रशासन की विफलता को लेकर लोकजतन के संपादक बादल सरोज ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भुखमरी से निपटने के लिये जल्द ही ठोस उपाय उठाने की मांग की है। माननीय प्रिय मुख्यमंत्री जी
Read More22 मार्च की देर रात पॉन्डिचेरी के नल्लम क्लिनिक में कामरेड पी के मूर्ती ने आखिऱी सांस ली। वे अपने बचपन के दोस्त और पॉन्डिचेरी के सबसे लोकप्रिय चिकित्सक डॉ. नल्लम की देखरेख में दो साल से इलाज करा रहे थे - हम सबको बताया एक साल पहले ही था। अपनी तकलीफों और कामयाबियों के बारे में बताना उनकी आदत में नहीं था। फ्रांसीसी कब्जे वाली पॉन्डिचेरी के 10 बड़े परिवारों में से एक...
Read More1757 भारतीय इतिहास का विडंबना वर्ष है। इसी साल प्लासी का लगभग अनहुआ युद्द जीत कर ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने राज की शुरुआत की थी। रानी एलिजाबेथ से भारत से व्यापार की 21 साल की अनुमति लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी बन तो तो 1600 में ही गयी थी। इसका पहला जहाज और दूत भी 1608 में ही आ गया था। मगर कंपनी राज की शुरुआत प्लासी की लड़ाई के बाद...
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