लेखक लोकजतन के संपादक एवं अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं.
यह समय इस तरह की लापरवाही का नहीं है । दांव पर वाम नहीं है, देश और अवाम है ।
Read Moreगंभीर राजनीति गंभीर विश्लेषण मांगती है। हार में जीत की सम्भावनायें - जीत में हार की आशंकायें देखने का शऊर सिखाती है। मध्यप्रदेश विधानसभा की इन दोनों सीटों के उपचुनावों में जीत का जश्न मनाने और उसके लिए श्रेय बटोरने की जल्दबाजी , वोटों की कमी के लिए इधर उधर के बहाने तलाशने की बजाय असली कारण देखने चाहिए और नया सारथी और रथ ढूंढने की बजाय रास्ते और मंजिल के बारे में सोचना चाहिए।
Read Moreउन्माद फैलाने के लिए प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक गोदी मीडिया और प्रोफेशनली अनप्रोफेशनल सोशल मीडिया के जरिये झूठ और भड़कावे की जी तोड़ कोशिशों के बावजूद अंततः 26 जनवरी को कासगंज में घटित घटना का असली सच उजागर होकर आ ही गया है ।
Read Moreईरान उबला पड़ा है । हजारों लोग सरकार और उसके धर्मगुरु मुखिया अयातुल्ला खोमैनी के खिलाफ सडकों पर हैं । अनेक मौतों और सुरक्षाबलों की छुट्टा गोलीबारी के बाद भी स्थिति काबू में नहीं आ पा रही ।
Read Moreचौथाई सदी पहले हुयी इस बर्बरता के निशाने पर क्या ये तीन गुम्बद और वह ढांचा भर था जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता था ? नहीं ।
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