राज्य सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मध्यप्रदेश
ग्वालियर में प्रद्युमन सिंह को महल और नरेंद्र सिंह तोमर का सहारा है। मगर जयभान सिंह पवैया वनवास लेने को तैयार नहीं हैं।
Read Moreयूं कहावत पुरानी है और पुराने लोग इसे बार बोर दोहराते है कि रसोईया एक चावल पकड़ कर ही पूरी हांडी के चावल के पक्के या कच्चे होने का अंदाजा लगा लेता है। भाजपा के जो भी चावल हाथ में आ रहे हैं, वे बताते हैं कि काठ की हांडी में चढ़ाये गए चावल पकेंगे नहीं, बल्कि हांडी ही राख हो जायेगी। सत्ता की हवश में भाजपा ने सरकार तो बना ली है। मगर उस...
Read Moreभाजपा नेताओं नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र सिंह सहित कई नेताओं के आडियो और वीडियो जारी हुए थे, जिसमें कांग्रेस विधायकों को 100 करोड़ रुपए लेकर सरकार गिराने की बात कही गई थी।
Read Moreकांग्रेस का संकट यही है कि यदि भाजपा की विचारधारा को हराना है तो कांग्रेस को पहले अपनी विचाराधारा को समझना होगा, फिर जाकर भाजपा की विचारधारा को तर्क और तथ्यों के तीरों से परास्त करना होगा। मगर कांग्रेस वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है।
Read Moreआप किसी भी अखबार की हैडलाईन उठा कर देख लीजिए-शीर्षक करीब करीब एक जैसे मिलेंगे: विष कन्यायें, ब्लैक मेलर और न जाने क्या क्या? इन शब्दों के उपयोग का अर्थ ही यही है कि सारा दोष इन्हीं का है हनी ट्रैप में लिप्त पुरुष तो इनके झांसे में आने वाले सीधे साधे, भोले भाले इंसान हैं, जिनको इन महिलाओं ने अपने जाल में फंसाया है।
Read Moreलोकजतन का आगमन तब हुआ था जब लोकतंत्र का चौथा खंभा कहा जाने वाला मीडिया इनके भांड़ और भौंपू की भूमिका में आ गया था। समाचार समाप्त होने लगे। सूचनायें सिकुंडऩे लगी। उपभोक्तावादी संस्कृति को पाला पोसा जाने लगा। जन और जनतंत्र मीडिया से गायब होने लगा।
Read Moreवे थोड़ा सा भी तुडऩे या मुडऩे की कोशिश करते तो किसी भी हाथ का कंगन या कड़े हो सकते थे। उन्हें थोड़ा सा भी व्यवहारिक ज्ञान होता तो वह किसी भी दरबार के नवरत्नों में शुमार हो सकते थे। मगर यह सब नहीं है।
Read Moreवैसे तो मध्यप्रदेश का चुनावी नजारा देश के अन्य राज्यों से अलग नहीं है। भाजपा की हजाशा और गुटबाजी के नए नए नजारे देखने को मिल रहे हैं। सतना में भाजपा की महापौर जब केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलने के लिए पहुंची तो वहां उनकी ही एक पार्टी की महिला नेत्री के साथ उनका विवाद हुआ। विवाद तेज हुआ। गाली गलौज तक पहुंचा और फिर हाथापाई की ऐसी नौबत आई कि महापौर के...
Read Moreप्रश्न यह है कि अक्सर भाजपा सरकार के समय ही ऐसे आदेश क्यों आते हैं? इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय 30 मई 2002 को आदेश जारी कर आदिवासियों और वनवासियों को वनभूमि से बेदखल करने का आदेश जारी किया था।
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