बीते माह की 2 तारीख हो हुए भारत बंद के दौरान चंबल संभाग में 8 दलितों की हत्या हो गई थी, कई घायल हुए, सैकड़ों पर मुकदमें थोपे गए लेकिन सरकार की ओर से कोई सहानुभूति तक जताने नहीं आया।
Read More2 अप्रैल के भारत बन्द के दिन और उसके बाद से मुरैना में जारी दलित उत्पीड़न और पुलिसिया आतंक के भय का सन्नाटा तोड़ा और तुरंत सभी गिरफ्तारो की रिहाई, डीएसएमएम प्रदेश संयोजक जे के पिप्पल, वरिष्ठ वकील रामहेत पिप्पल सहित सैकड़ों के विरुद्ध जारी इनामी वारंटों की निरस्ती के साथ समूचे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की । न्यायिक जांच तक हर तरह की कार्यवाही एवम् एफआईआर को लम्बित करने की मांग की । अ.भा.जनवादी महिला समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष संध्या शैली ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुये कहा कि यह प्रतिरोध सिर्फ शुरुआत है, यदि सरकार ने मनुवादी आचरण नहीं बदला तो मुरैना की सारी महिलाये एवम् बाकी जन संगठन आगे की कार्यवाही करेंगे । प्रदर्शन में काफी बड़ी संख्या में महिलाये थीं ।
Read Moreश्रमिकों के अधिकारों को कुचलने के लिए श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा हैं। अब तो केन्द्र सरकार ने बगैर संसद की अनुमति के फिक्स टर्म एम्पलॉयमेंट के नाम पर स्थाई नौकरी पर ही हमला छेडने का कानून बगैर संसद की अनुमति के ही लागू दिया है।
Read Moreवन आरक्षकों की भर्ती के लिए धार जिले में आवेदकों के मेडिकल टेस्ट के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित आवेदकों की छाती पर उनकी जाति लिख देना कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि दंडनीय अपराध है।
Read Moreबेटियों के लिए न्याय मांगने सड़कों पर उतरे लोग, कहा आरोपियों को बचाने के लिए जाति धर्म का इस्तेमाल बंद करो।
Read Moreभोपाल। भिंड में निर्भीक पत्रकार संदीप शर्मा की ट्रक से कुचल कर की गई हत्या से साफ हो गया है कि खनन माफिया किस हद तक निडर हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि संदीप ने पिछले दिनों रेत माफियाओं का स्टिंग आपरेशन कर उनकी लूट और राजनीतकि रसूख दोनों को ही बेनकाब किया था। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उनकी हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि संदीप छात्र...
Read Moreप्रदेश की रबी सीजन की तीन प्रमुख फसलों चना, मसूर और सरसों को भावांतर योजना से बाहर , मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के साथ की गई अपराधिक धोखाधड़ी है
Read Moreभगतसिंह और उनके साथियों की शहादत एक समाजवादी भारत के निर्माण के लिए थी
Read Moreशासकीय कर्मचारी का दर्जा देने, तब तक 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने एवं राज्य शासन की ओर से अतिरिक्ति वेतन की की मांग को लेकर आशा-ऊषा-आशा सहयोगी एकता यूनियन (सीटू) के आह्वान पर प्रदेश भर में काम बंद हडताल कर जोरदार प्रदर्शन किया।
Read Moreराज्यपाल, मुख्यमंत्री और संवैधानिक पद पर बैठे पदाधिकारियों की सुरक्षा के संबंध में प्रश्र पूछने पर रोक भी खतरनाक है। प्रदेश का हाल का अनुभव बताता है कि व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री निवास और राजभवन भी संदेह के घेरे में रहा है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में लोकायुक्त की कार्यपद्धति पर भी उंगलियां उठी हैं।
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