1757 भारतीय इतिहास का विडंबना वर्ष है। इसी साल प्लासी का लगभग अनहुआ युद्द जीत कर ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने राज की शुरुआत की थी। रानी एलिजाबेथ से भारत से व्यापार की 21 साल की अनुमति लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी बन तो तो 1600 में ही गयी थी। इसका पहला जहाज और दूत भी 1608 में ही आ गया था। मगर कंपनी राज की शुरुआत प्लासी की लड़ाई के बाद...
Read Moreइस वायरस ने एक बात फिर से साबित कर दी है कि असली संघर्ष इंन्सान का प्रकृति से ही है जो मित्रतापूर्ण संघर्ष होगा।
Read Moreकोरोना वाइरस की महामारी से निपटने के संबंध में राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के दो-दो संबोधन हुए हैं। इसके बावजूद सरकार ने, सिर पर मंडराती आर्थिक मंदी और लोगों की आजीविकाओं व आमदनियों में पडऩे वाले भारी बाधा का मुकाबला करने के लिए, किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा तक नहीं की है। 24 मार्च को हुए अपने दूसरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडॉउन का एलान कर दिया।...
Read Moreभाजपा नेताओं नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र सिंह सहित कई नेताओं के आडियो और वीडियो जारी हुए थे, जिसमें कांग्रेस विधायकों को 100 करोड़ रुपए लेकर सरकार गिराने की बात कही गई थी।
Read Moreसंसद के नागरिकता कानून पास करने के बाद गुुजरे एक पखवाड़े में हमने, भारत के हाल के राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण आंदालनों में से एक को देखा है।
Read Moreआरएसएस प्रमुख का भाषण, हमारे देश में हुए दक्षिणपंथ के सुदृढ़ीकरण का सबूत है और आने वाले समय में जनतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, जनता की रोजी-रोटी और मौलिक अधिकारों पर होने जा रहे और ज्यादा हमलों की ओर इशारा करता है।
Read Moreकांग्रेस का संकट यही है कि यदि भाजपा की विचारधारा को हराना है तो कांग्रेस को पहले अपनी विचाराधारा को समझना होगा, फिर जाकर भाजपा की विचारधारा को तर्क और तथ्यों के तीरों से परास्त करना होगा। मगर कांग्रेस वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है।
Read Moreइस्राइल के बेंजामिन नेतन्याहू की ही तरह, नरेन्द्र मोदी भी डोनाल्ड ट्रम्प के विचारधारात्मक सहोदर हैं। वे सभी दक्षिणपंथी इथनो-राष्ट्रवादी मिजाज के हैं।
Read Moreमुद्दा सिर्फ इस संवेदनशील राज्य में शासन को, जहां जनता के बड़े हिस्से का वैसे भी भारत सरकार से गहरा अलगाव हो चुका है, एक निर्वाचित सरकार की वैधता से लंबे समय तक वंचित रखे जाने का ही नहीं है,
Read Moreवास्तव में इस प्रक्रिया अब तक जिस तरह से चलायी जा रही थी, उससे कितनी ही आशंकाएं पैदा हुई हैं और वैध भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज किए जाने के मामले में बहुत सारी त्रुटियां सामने आयी हैं।
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